Pakistan govt reduces pension: पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खराब है. और अब हालात ये हो गए हैं कि पेंशन कटौती के दिन आ गए हैं. नए साल पर पाकिस्तानी लोगों को झटका दिया है उनकी सरकार ने, जानें क्या है पूरा माजरा.
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Pakistan: पाकिस्तान हर दिन आर्थिक तंगी की ओर बढ़ रहा है. गरीबी और कर्जे का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. कंगाली के इस दौर में पाकिस्तान ने अब बढ़ते पेंशन बिल को कम करने के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों और सशस्त्र बल कर्मियों के पेंशन लाभ में भारी कटौती की है. मीडिया में आई खबरों में यह जानकारी दी गई है. समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की एक खबर के अनुसार वित्त मंत्रालय ने बुधवार को एक से अधिक पेंशन बंद करने के संबंध में तीन अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी कीं, जिनमें पहली बार मिलने वाली पेंशन में कटौती की गई तथा भविष्य में पेंशन में वृद्धि निर्धारित करने वाले आधार में भी बदलाव किया गया है.
पेंशन क्यों कर दी गई बंद?
खबर में कहा गया कि ऋण चुकाने, रक्षा और विकास के बाद बजट में चौथा सबसे बड़ा व्यय है पेंशन. वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार वेतन और पेंशन आयोग 2020 की सिफारिशों पर,‘‘यह निर्णय लिया गया है कि अब से ऐसी स्थिति में जहां कोई व्यक्ति एक से अधिक पेंशन का हकदार है उसे केवल एक पेंशन लेने का विकल्प चुनने के लिए अधिकृत किया जाएगा.’’ ये बदलाव एक जनवरी से प्रभावी होंगे. एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, नए पेंशनभोगी को अंतिम वेतन के आधार पर पेंशन लेने के बजाय पिछले दो वर्षों के औसत वेतन के आधार पर पेंशन मिलेगी. वित्त मंत्रालय ने कहा कि कई पेंशन पर सभी मौजूदा निर्देशों को तत्काल प्रभाव से संशोधित किया जाना चाहिए. ये बदलाव उन लोगों पर लागू नहीं होंगे जो पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं, सिवाय उन मामलों को छोड़कर जहां कई पेंशन का भुगतान किया जाता है. इसने पेंशन की वार्षिक चक्रवृद्धि को भी समाप्त कर दिया और किसी भी वृद्धि को आधार पेंशन से अलग माना जाएगा, एक अवधारणा जो तदर्थ वेतन वृद्धि के समान है जिसे चक्रवृद्धि से बचने के लिए मूल वेतन का हिस्सा नहीं बनाया जाता है.
एक जनवरी से लागू होगा नया नियम
ये बदलाव 1 जनवरी से प्रभावी होंगे और सेवानिवृत्त सिविल और सैन्य कर्मियों दोनों पर लागू होंगे. वेतन और पेंशन ले रहे कई सेवारत संघीय सरकारी कर्मचारी भी बदलावों से प्रभावित होंगे. वित्त मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि पेंशन नियमों में बदलाव पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार द्वारा 2020 में गठित एक आयोग द्वारा दी गई सिफारिशों के आधार पर किए गए हैं. चालू वित्त वर्ष के लिए, सरकार ने पेंशन भुगतान के लिए बजट में 1.014 ट्रिलियन रुपये आवंटित किए हैं और इसका सबसे बड़ा हिस्सा सैन्य पेंशन के लिए 66 प्रतिशत या 662 बिलियन रुपये आवंटित किया गया है. पिछले साल की तुलना में पेंशन बिल में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसे बजट से वित्त पोषित किया जाता है और यह टिकाऊ नहीं है. इन बदलावों के बाद उम्मीद है कि अगले दशक में पेंशन बिल में काफी कमी आएगी और इसे मैनेज किया जा सकेगा. पेंशन व्यवस्था में किए गए नए बदलावों के अलावा सरकार ने 1 जुलाई 2024 से नियुक्त होने वाले असैन्य कर्मचारियों के लिए पारंपरिक पेंशन योजना को पहले ही समाप्त कर दिया है. यह योजना 1 जुलाई 2025 से रक्षा बलों के कर्मचारियों पर भी लागू होगी. इनपुट भाषा से भी