Bangladesh: चिन्मय कृष्ण दास को झटका, बांग्लादेश की अदालत ने खारिज की जमानत याचिका
Advertisement
trendingNow12584568

Bangladesh: चिन्मय कृष्ण दास को झटका, बांग्लादेश की अदालत ने खारिज की जमानत याचिका

Situation of Bangladesh: सुनवाई के बाद चिन्मय के वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने बताया कि वे जमानत के लिए हाईकोर्ट में अपील करने की योजना बना रहे हैं. लगभग 11:40 बजे वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट के 11 वकील पुलिस सुरक्षा में दो माइक्रो बसों में सवार होकर अदालत परिसर से रवाना हो गए.

Bangladesh: चिन्मय कृष्ण दास को झटका, बांग्लादेश की अदालत ने खारिज की जमानत याचिका

Chinmoy Krishna Das: बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत के प्रवक्ता और हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गुरुवार को चिटगांव कोर्ट ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मेट्रोपॉलिटन पब्लिक प्रॉसिक्यूटर एडवोकेट मोफिजुर हक भुइयां ने कहा कि चटगांव मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायाधीश मोहम्मद सैफुल इस्लाम ने लगभग 30 मिनट तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी.

हाईकोर्ट में अब करेंगे अपील

सुनवाई के बाद चिन्मय के वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने बताया कि वे जमानत के लिए हाईकोर्ट में अपील करने की योजना बना रहे हैं. लगभग 11:40 बजे वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट के 11 वकील पुलिस सुरक्षा में दो माइक्रो बसों में सवार होकर अदालत परिसर से रवाना हो गए. इससे पहले दिन में वे हाई-प्रोफाइल मामले में चिन्मय का प्रतिनिधित्व करने के लिए सुबह करीब 10:15 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत पहुंचे. उनके प्रयासों के बावजूद, अदालत का फैसला उनकी याचिका के खिलाफ गया.

पहले भी खारिज की गई थी याचिका

बता दें कि इससे पहले 11 दिसंबर को एक बांग्लादेश की एक अदालत ने दास की प्रारंभिक जमानत याचिका को प्रक्रिया में खामी के कारण खारिज कर दिया था. रिपोर्ट्स के अनुसार, वैध पावर ऑफ अटॉर्नी और वकील की उपस्थिति की कमी के कारण याचिका खारिज की गई थी. मामले ने तब नया मोड़ ले लिया जब दास के वकीलों में से एक सुभाशीष शर्मा सुरक्षा कारणों से 3 दिसंबर की सुनवाई में शामिल नहीं हो सके थे.

अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने कहा था कि पिछली दो सुनवाई में हमने देखा कि उनके वकीलों को उपस्थित होने की अनुमति नहीं दी गई” 
 
इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता ने कहा था कि अगर कुछ वकीलों द्वारा अदालत में चिन्मय दास का प्रतिनिधित्व करने वाले किसी भी अधिवक्ता की पिटाई करने की स्थिति फिर बने तो बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को उचित कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा, “हम पिछले एक महीने से बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों की शांति और सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं और ऐसा करना जारी रखेंगे.’’ बांग्लादेश में पांच अगस्त को शेख हसीना नीत अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से अशांति बनी हुई है और देश के 50 से अधिक जिलों में सैकड़ों हमले हो चुके हैं. बांग्लादेश की कुल 17 करोड़ की आबादी में आठ प्रतिशत हिंदू हैं. 

(इनपुट-IANS)

Trending news