Hwasong-19 ICBM: अमेरिका की धमकियों का उत्तर कोरिया के सनकी किंग किम जोंग पर कोई असर नहीं दिख रहा है. उत्तर कोरिया ने लगभग एक साल के अंतराल के बाद अपनी नई अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) ह्वासोंग-19 का सफल परीक्षण किया है. यह जानकारी दक्षिण कोरिया की सेना ने उत्तर कोरिया के हवाले से दी. इस परीक्षण के बाद उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने कहा कि देश ने परमाणु हथियारों के इस्‍तेमाल के ल‍िए एक मजबूत स्थिति हासिल कर ली है. कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के अनुसार, किम जोंग-उन की अगुआई में उत्तर कोरिया ने एक "महत्वपूर्ण" मिसाइल परीक्षण किया. इससे न सिर्फ उत्तर कोरिया की सशस्त्र सैन्य शक्ति मजबूत होगी बल्कि देश के सशस्त्र बलों की "पूर्ण श्रेष्ठता को कायम रखने" में यह मील का पत्थर साबित होगा.


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दुनिया की सबसे ताकतवर मिसाइल
दक्षिण कोरियाई सेना ने गुरुवार को कहा कि उसने सुबह करीब 7:10 बजे प्योंगयांग से एक दागी गई मिसाइल का पता लगाया. पूर्वी सागर में गिरने से पहले म‍िसाइल ने करीब 1,000 किलोमीटर तक उड़ान भरी. योनहाप समाचार एजेंसी ने बताया कि यह एक ठोस ईंधन वाली आईसीबीएम थी. उत्तर कोरिया ने अपनी इस आईसीबीएम को "बेहद शक्तिशाली आक्रामक साधन" व अपनी लंबी दूरी की मिसाइलों में "सर्वोत्तम" बताया है. केसीएनए ने बताया कि देश के नेता किम जोंग उन ने मिसाइल परीक्षण को देखा और उत्तर कोरिया की ‘‘अद्वितीय रणनीतिक परमाणु हमले की क्षमता’’ का प्रदर्शन करने के लिए हथियार वैज्ञानिकों को धन्यवाद दिया. एपी सुरभि मनीषा


अब बस परमाणु बम बनाना बाकी
केसीएनए ने लिखा, "हाल ही में किए गए इस नई मिसाइल के परीक्षण से उत्तर कोर‍िया की रणनीतिक मिसाइल क्षमता बढ़ी है." केसीएनए ने कहा कि उत्तर कोरिया के नेता किम ने इस बात पर संतोष जताया कि इस मिसाइल के सफल परीक्षण से यह साबित हो गया है कि देश ने परमाणु हथियार बनाने और उसके विकास में ठोस सफलता हासिल कर ली है." उत्तर कोरिया ने कहा कि ह्वासोंग-19 ने 7,687.5 किलोमीटर की अधिकतम ऊंचाई पर 1,001.2 किलोमीटर की दूरी तय की और 5,156 सेकंड तक उड़ान भरी. इसे उत्तर कोरियाई मिसाइल के लिए सबसे लंबे समय तक उड़ान भरने वाला माना गया.


अमेकिरी चुनाव से पहले उत्तर कोरिया का जवाब
बता दें कि उत्तर कोरिया का पिछले एक साल में यह पहला मिसाइल परीक्षण है. इसे 5 नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है. पर्यवेक्षकों ने कहा कि उत्तर कोरिया की उकसावे वाली कार्रवाई का उद्देश्य संभवतः अमेरिकी मुख्य भूमि पर परमाणु हथियार पहुंचाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन करना तथा रूस में अपनी सेना की तैनाती को लेकर हाल में हुई निंदा से ध्यान हटाना था.


अमेरिका को दे सकता है टक्कर?
उत्तर कोरिया ने जब अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का ब्योरा देते हुए उसे ‘‘दुनिया की सबसे शक्तिशाली’’ मिसाइल बताया तो बाहरी देशों के विशेषज्ञों ने इस दावे को उत्तर कोरिया का दुष्प्रचार माना. उत्तर कोरिया का यह परीक्षण उसके हथियार भंडार बनाने के प्रयास में प्रगति को दर्शाता है. उत्तर कोरिया ने गुरुवार को जिस मिसाइल का परीक्षण किया, वह देश द्वारा अब तक परीक्षण किए गए किसी भी अन्य हथियार की तुलना में अधिक ऊंचाई पर उड़ी और अधिक समय तक हवा में रही. इससे संकेत मिलता है कि उत्तर कोरिया ने परमाणु-संपन्न अन्तरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) को बनाने में प्रगति हासिल कर ली है जो अमेरिकी मुख्य भूमि तक पहुंचने में सक्षम है.  लेकिन विदेशी विशेषज्ञों का आकलन है कि इस तरह के कार्यशील आईसीबीएम को प्राप्त करने से पहले देश को अब भी कुछ तकनीकी मुद्दों पर महारत हासिल करनी होगी. इनपुट एजेंसी से भी