How many Indians in Russian Army: एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार ने किसी भी तरह की अटकलों के बजाए केवल अथेंटिक सोर्स से आने वाली खबरों पर भरोसा करने और भ्रामक खबरें न फैलाने की सलाह दी है. दरअसल काफी समय से ये दावा किया जा रहा था कि भारतीयों को अच्छी सैलरी का झांसा देकर उनकी रूसी फौज यानी सशस्त्र बलों में धोखे से भर्ती करा दी गई है. ऐसी खबरों की जांच की मांग की गई थी. इस बीच खबर आई है कि रूसी आर्म्ड फोर्से से अधिकांश भारतीय नागरिकों को छुट्टी दे दी गई है और अब उनमें से केवल 19 ही वहां तैनात हैं.


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सरकार ने दिया जवाब


ससंद सत्र के बीच विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने रूसी सेना में सेवा देने के लिए भर्ती किए गए भारतीय नागरिकों की संख्या के बारे में एक लिखित सवाल के जवाब में आंकड़े साझा किए. दरअसल केंद्र सरकार से पूछा गया था कि कितने ऐसे भारतीय अब भी रूस की सेना में हैं, जिन्हें अभी तक वापस नहीं भेजा गया है. रूसी अधिकारियों के आश्वासन के बावजूद उनकी रिहाई और प्रत्यावर्तन में देरी के कारण क्या हैं? उनसे ये भी पूछा गया कि क्या भारतीय दूतावास उन सभी से संपर्क करने में सक्षम है या नहीं तथा सरकार ने उनकी जल्द रिहाई और स्वदेश वापसी के लिए क्या कदम उठाए हैं या उठाये जाने का प्रस्ताव है.


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सिंह ने अपने जवाब में कहा, ‘सरकार के ठोस प्रयासों के परिणामस्वरूप, रूसी सशस्त्र बलों में अधिकांश भारतीय नागरिकों को छुट्टी दे दी गई है और कई को भारत वापस भेज दिया गया है.’ उन्होंने कहा कि उपलब्ध सूचना के अनुसार वर्तमान में केवल 19 भारतीय नागरिक रूसी सशस्त्र बलों में बचे हैं. मंत्री ने कहा कि सरकार ने संबंधित रूसी अधिकारियों से वहां के सशस्त्र बलों में शेष भारतीय नागरिकों के ठिकाने के बारे में एक अपडेट प्रदान करने और उनकी सुरक्षा, कुशलता और शीघ्र निर्वहन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है.


इस साल मार्च में, केरल के कुछ लोगों सहित कई भारतीय नागरिकों को कथित तौर पर रूसी सेना के साथ काम करने के लिए धोखा दिए जाने के बाद दिल्ली में सीबीआई ने मानव तस्करी का मामला दर्ज किया था.  (इनपुट: भाषा)