पाक सेना चीफ बाजवा की गीदड़ भभकी, हमला हुआ तो दुश्मन को होगा `नुकसान`
बाजवा ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ते हुए जितनी कुर्बानियां दी हैं, उतनी किसी भी देश ने नहीं दी है.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने सोमवार (9 अक्टूबर) को कहा कि उनके बल किसी भी तरह के हमले का जवाब देने में पूरी तरह सक्षम हैं. साथ ही उन्होंने आगाह किया कि हमले की स्थिति में दुश्मन को ‘‘असहनीय नुकसान’’ उठाना पड़ेगा. देश के पश्चिमोत्तर में रिसालपुर स्थित असगर खान अकादमी में पाकिस्तान वायु सेना के कैडेटों की पासिंग आउट परेड को संबोधित कर रहे जनरल बाजवा ने यह भी कहा कि पाकिस्तान एक शांति प्रिय देश है और शांति को बढ़ावा देना चाहता है.
बाजवा ने कहा ‘‘शांति के लिए हम दृढ़तापूर्वक प्रतिबद्ध हैं और अपनी कार्रवाईयों की गलत व्याख्या नहीं होने देंगे. हमारे बल किसी भी तरह के आंतरिक या बाहरी खतरे से या हमले से निपटने के लिए सक्षम हैं.’’ उन्होंने यह भी कहा ‘‘अगर कभी शत्रु हमला करता है तो चाहे वह कितनी भी अधिक संख्या में क्यों न हो, उसे असहनीय नुकसान उठाना होगा.’’ बाजवा ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ते हुए जितनी कुर्बानियां दी हैं, उतनी किसी भी देश ने नहीं दी है. उन्होंने इस बात पर क्षोभ जताया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान के प्रयासों और बलिदानों को समझने में नाकाम रहा है.
पाकिस्तान की चेतावनी, भारत को अफगानिस्तान में उतारने की अमेरिका की इच्छा घातक होगी
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने अफगानिस्तान में भारत के लिए किसी भूमिका को सोमवार (9 अक्टूबर) को खारिज करते हुए चेतावनी दी कि भारत को युद्ध प्रभावित देश में उतारने की ट्रंप प्रशासन की इच्छा ‘घातक’ होगी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गत अगस्त में अपनी दक्षिण एशिया नीति पेश की थी और भारत एवं अफगानिस्तान के साथ रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने की प्रतिबद्धता जतायी थी. ट्रंप ने अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता लाने के लिए भारत की भूमिका बढ़ाने की बात कही थी.
अरब न्यूज ने अब्बासी के हवाले से कहा, ‘हम नहीं मानते कि पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों में भारत को लाने से कुछ भी हल करने में मदद मिलेगी, विशेष रूप से अफगानिस्तान में जहां हम भारत के लिए कोई भूमिका नहीं देखते. भारत का अमेरिका के साथ एक संबंध है. वह उनके और अमेरिका के बीच है.’ उन्होंने सऊदी अरब के समाचार पत्र से साक्षात्कार में कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में एक ऐसे समाधान के जरिए शांति चाहता है जो ‘अफगानों का और अफगानों के नेतृत्व में हो.’