India China News: भारत के बड़ा खतरा बनता जा रहा है चीन, सियाचिन के नजदीक POK में बना रहा नई सड़क
India China News in Hindi: चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. भारत पर दबाव बढ़ाने के लिए वह पीओके के अंतर्गत आने वाली शक्सगाम वैली में सड़क का निर्माण करने में जुटा है. यह सड़क मुजफ्फराबाद तक आएगी.
China's illegal road in Shaksgam Valley: चीन और भारत के बीच पिछले 4 साल से पूर्वी लद्दाख में सैन्य तनातनी लगातार बरकरार है. इसके बावजूद वह मामले को शांति से सुलझाने के बजाय भारत की सुरक्षा के लिए लगातार खतरे खड़े कर रहा है. एक मीडिया रिपोर्ट से पता चला है कि वह पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर के एक हिस्से में सड़क का निर्माण कर रहा है. यह सड़क शक्सगाम वैली में बनाई जा रही है, जो भारत के सियाचिन ग्लेशियर से महज 30 मील दूर है.
पाकिस्तान ने 1947 में कर लिया था कब्जा
पाकिस्तान ने 1947 में कबायली भेजकर जम्मू कश्मीर के एक तिहाई हिस्से पर कब्जा कर लिया था. इसी कब्जाए गए हिस्से में शक्सगाम वैली भी थी, जिसे उसने 1963 में चीन को गिफ्ट कर दिया था. तकनीक रूप से पूरा जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा है. इस लिहाज से पाकिस्तान की ओर से चीन को दिया गया यह गिफ्ट पूरी तरह अवैध है. इसके बावजूद चीन यहां पर अपना कब्जा बनाए हुए है.
पीओके में चीन कर रहा सड़क का निर्माण
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक सैटेलाइट इमेज से पता चला है कि चीनी के शिनजियांग प्रांत से निकले नेशनल हाईवे G219 का वह अब आगे पीओके की ओर विस्तार कर रहा है. यह सड़क भारतीय सीमा के सबसे उत्तरी बिंदु यानी सियाचिन ग्लेशियर के इंदिरा कोल से लगभग 50 किमी उत्तर में है.
भारतीय सेना के अफसरों ने जताई चिंता
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से ली गई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन कराकोरम के पहाड़ों में बीच-बीच में सड़क का निर्माण किया जा रहा है. इस सड़क के निर्माण पर भारतीय सेना ने भी चिंता जताई है. कारगिल, सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी कोर के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा कहते हैं, "यह सड़क पूरी तरह से अवैध है और भारत को चीन के साथ अपना राजनयिक विरोध दर्ज कराना चाहिए.
यह क्यों मायने रखती है?
यह सड़क ट्रांस-काराकोरम हिस्से में बन रही है. असल में पाकिस्तान ने वर्ष 2021 में घोषणा की थी कि मुजफ्फराबाद से गिलगित-बाल्टिस्तान और शक्सगाम घाटी को जोड़ने वाली सड़क के निर्माण किया जाएगा. इसके बाद इस सड़क को शिनजियांग में यारकंद से जोड़ दिया जाएगा. इसी सड़क को चीन के राष्ट्रीय राजमार्ग G219 से जुड़ने के लिए शक्सगाम घाटी में बनाया जा रहा है.
चीन की गतिविधियों पर नजर रखने की सलाह
पाकिस्तान और चीन की सेनाएं अक्सर संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास करती रहती हैं, जिससे युद्ध की स्थिति में इस सड़क के दोहरे उपयोग की चिंता भी भारत के सामने बनी हुई है. ऐसे में भारतीय रक्षा विशेषज्ञ लगातार इस सड़क की निगरानी और पीओके में चल रही हलचलों पर कड़ी निगरानी की सलाह देते हैं, जिससे चीन-पाकिस्तान की साजिशों से निपटने के लिए वक्त रहते इंतजाम किए जा सकें.
भारत पहले भी जता चुका है आपत्ति
चीन ने 2017 और 2018 के बीच रणनीतिक काराकोरम दर्रे के पश्चिम में निचली शक्सगाम घाटी में एक पक्की सड़क का निर्माण किया. रिपोर्टों में घाटी में चीनी सैन्य बुनियादी ढांचे की उपस्थिति की भी बात की गई है. वर्ष 2022 में सीमा वार्ता के दौरान भारतीय सैन्य अधिकारियों ने इन सड़क निर्माण का कड़ा विरोध किया था. यह बैठकें 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़पों के बाद की गई थी.