पिछले साल जुलाई में जम्‍मू के पुंछ रीजन में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को खास टेलीकॉम गियर मिला. उसके बाद इसी साल अप्रैल में कश्‍मीर के बारामूला जिले में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान वैसा ही टेलीकॉम हैंडसेट मिलने से सिक्‍योरिटी एक्‍सपर्ट्स की नजर उस पर गई. इसको अल्‍ट्रा सेट (Ultra Set) कहा जाता है. ये चीनी हैंडसेट खासतौर पर चीनी कंपनियों ने पाकिस्‍तानी आर्मी के लिए डिजाइन किया है. 


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क्‍या है Ultra Set
हालिया वर्षों में चीन ने पाकिस्‍तान को केवल आर्थिक मदद ही नहीं दी है बल्कि उसकी सेना को भी अपने अत्‍याधुनिक हथियार और औजार दे रहा है. उसने एक ऐसी ही टेलीकॉम गियर डिवाइस Ultra Set पाकिस्‍तानी सेना को दी है. ये हैंडसेट परंपरागत मोबाइल टेक्‍नोलॉजीज (GSM,CDMA) से पूरी तरह अलग है. ये सेलफोन क्षमताओं के अलावा विशेषीकृत रेडियो सिग्‍नल भेजने में सक्षम हैंडसेट है. इसमें रेडियो तरंगों के माध्‍यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सकता है. यानी मोबाइल के साथ-साथ रेडियो की तरह यूज होने के कारण ये हैंडसेट यूनीक डिवाइस बन जाता है.


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उसके बाद इसका संपर्क अपने कंट्रोल रूम से रहता है. इसके संदेशों को पकड़ पाना बेहद मुश्किल है. सूचना का आदान-प्रदान केवल अल्‍ट्रा सेट और कंट्रोल रूम से होता है. चीनी सेटेलाइट के माध्‍यम से ये काम होता है जो हैंडसेट की सूचना को पाकिस्‍तान में स्थित मास्‍टर सर्वर तक पहुंचाता है और वहां से वापस हैंडसेट यूजर के पास. 


गौरतलब है कि चीन हालिया वर्षों में पाकिस्‍तानी सेना की रक्षा क्षमताओं को डेवलप करने की दिशा में खासा सक्रिय रहा है. इसके अतिरिक्‍त पाकिस्‍तानी सेना के लिए स्‍टीलहेड बंकर्स, मानवरहित एरियल और कंबेट एरियल व्‍हीकल्‍स, अंडरग्राउंड फाइबर केबिल्‍स और इंक्रेप्टिड कम्‍युनिकेशन टॉवर्स का निर्माण इसी दिशा में किया गया है. टारगेट को विशिष्‍ट तरीके से पहचानने के लिए जेवाई और एचजीआर सीरीज के चीनी रडार सिस्‍टम को विकसित किया गया है. सिर्फ इतना ही नहीं एलओसी के निकट एसएच-15 ट्रक माउंटेड होवित्‍जर से लैकर अत्‍याधुनिक युद्धक प्रणाली को देखा गया है.