Pakistan Politics: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक और पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी को पाकिस्तान की अदालत ने विवादास्पद सिफर मामले में 10 साल की जेल की सजा दी है. पाकिस्तान की सरकारी मीडिया और पीटीआई के एक प्रवक्ता ने राज्य के दस्तावेज़ लीक करने के मामले में दोनों को सज़ा सुनाए जाने की पुष्टि की है.


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पार्टी के एक प्रवक्ता ने एएफपी को बताया, 'पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान और पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) के उपाध्यक्ष कुरेशी को सिफर मामले में 10-10 साल जेल की सजा सुनाई गई है.' खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रवक्ता जुल्फिकार बुखारी के अनुसार, अदालत ने रावलपिंडी के गैरीसन शहर की एक जेल में फैसले की घोषणा की. 


क्या सिफर मामला?
द डॉन के मुताबिक सिफर मामला एक राजनयिक दस्तावेज़ से संबंधित है, जिसके बारे में संघीय जांच एजेंसी की चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि इमरान खान ने इसे कभी वापस नहीं किया. पीटीआई लंबे समय से मानती रही है कि दस्तावेज में इमरान को प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से धमकी दी गई थी. 


यह फैसला 8 फरवरी के आम चुनाव से नौ दिन पहले आया है, जिसे पीटीआई राज्य की सख्ती के बीच और बिना किसी चुनावी चिन्ह के लड़ रही है. 


इमरान खान की दूसरी सजा
द डॉन के मुताबिक यह इमरान खान की दूसरी सजा है क्योंकि उन्हें 5 अगस्त को तोशाखाना मामले में भी दोषी ठहराया गया था और तीन साल की कैद की सजा सुनाई गई था. इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने उनकी सजा को निलंबित कर दिया था. हालांकि, बाद में एक खंडपीठ ने दोषसिद्धि को निलंबित करने की मांग करने वाली इमरान की याचिका को खारिज कर दिया था। वहीं पूर्व विदेश मंत्री के लिए यह पहली सजा है.