Pakistan Balochistan Insurgency News: एक तरफ पाकिस्तान के अंदर जलसे के जरिए शहबाज और मुनीर की जोड़ी को चुनौती दी जा रही है. वहीं खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान के इलाके में बीते कई महीनों से हालात बेहद खराब हैं. गुरबत में फंसी पाकिस्तान की आवाम ने सेना की बर्बरता के खिलाफ खुला ऐलान कर दिया है. जिससे बौखलाए मुनीर ने अपनी सेना को इस इलाके में ओपन फायरिंग का आदेश दिया है. इतना ही नहीं खैबर के वजीर-ए-आला को भी गिरफ्तार करने की कोशिशें शुरू हो गई है. अब सवाल है कि क्या पाकिस्तान में एक बार फिर 1971 जैसे हालात बन रहे हैं.


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अपने ही लोगों पर गोलियां बरसा रही पाकिस्तानी सेना


खैबर और बलूचिस्तान के इलाके में पाकिस्तान की बर्बरता का एक और सबूत है. पाकिस्तान की सेना हाथों में ऑटोमेटिक हथियार और बैज पर पाकिस्तान का झंडा लगाए मासूम लोगों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा रही है. पाकिस्तान के एक बड़े इलाके में सेना मौत बनकर अपने ही आवाम पर बरस रही है.


बलूच और खैबर के इलाके में भी शहबाज सरकार के खिलाफ आवाजें बुलंद हो रही है. मुनीर के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट रहा है. बौखलाए मुनीर ने खैबर और बलूच में कत्ले-आम का ऑर्डर जारी कर दिया है. दावा है कि पाकिस्तान के इन इलाकों में बच्चियों और महिलाओं को बंधक बनाया जा रहा है. युवाओं को गायब कर पहले उनके ब्रेनवॉश की कोशिश की जा रही है. ऐसा ना करने पर उन्हें मार दिया जा रहा है. 


खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में तेज हुई बगावत


खैबर और बलूच में बगावत की आग से शहबाज मुनीर परेशान है. पाकिस्तानी हुकुमत को एक बार फिर 1971 जैसे हालात साफ नजर आ रहे हैं. इसी का नतीजा है कि अब इस इलाके के मुख्यमंत्री तक को गिरफ्तार करने की कवायद शुरू हो गई है. अब से थोड़ी ही देर पहले पाकिस्तानी हुकमत के अंदर आने वाली एक आतंक निरोध अदालत ने खैबर के सीएम की गिरफ्तारी का ऑर्डर जारी कर दिया. 


साफ है कि शहबाज और मुनीर को बगावत की भनक लग चुकी है. दोनों जानते हैं कि पाकिस्तान का ये हिस्सा कभी भी 1971 का बांग्लादेश बन सकता है. इसलिए आवाम के साथ साथ यहां के नेताओं को भी कुचला जा रहा है. हालांकि पेशावर कोर्ट ने इस फैसले पर तुरंत रोक लगा दी. खैबर पख्तूनख्वा के सीएम अली अमीन गंडापुर को 5 अक्टूबर तक किसी भी मुकदमे में अरेस्ट नहीं करने का आदेश दिया गया है.


सीएम के माफी मांगने की मांग से भड़के लोग


माना जा रहा था कि खैबर के वजीर-ए-आला पाकिस्तानी हुकुमत के सामने सरेंडर कर देंगे. लाहौर जलसा में माफी मांग लेंगे लेकिन उनके समर्थकों ने ऐसे किसी भी संभावना से इंकार कर दिया.


खैबर के राज्यपाल बैरिस्टर मोहम्मद अली सैफ ने कहा है कि अली अमीन कोई माफी नहीं मागेंगे. सैफ ने कहा है कि माफी की शर्त गलत है. साफ है एक तरफ पूरे पाकिस्तान में बगावत की लहर है. दूसरी तरफ खैबर और पख्तून में आवाम ने मोर्चा खोल दिया है. इन इलाकों में पाकिस्तानी सेना अपनी बर्बरता से लोगों को रोकना चाह रही है. लेकिन हालात बता रहे हैं कि जल्द पाकिस्तान का एक और टुकड़े होना तय है.