Pakistan Imam: पाकिस्तान से आकर इटली में रहने वाले एक जहरीले इमाम ने अपने बयानों से जॉर्जिया मेलोनी की सरकार को परेशान कर रखा था. बस फिर क्या, इटली की पीएम ने कट्टरपंथी इमाम को देश से निकालने का फरमान जारी कर दिया. इतना ही नहीं पाकिस्तानी इमाम का निवास परमिट भी हमेशा के लिए रद्द कर दिया गया. अब सवाल ये है कि...आखिर क्यों पाकिस्तानियों से है पूरी दुनिया परेशान?


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जिसकी जुबान से सिर्फ और सिर्फ जहरीली तकरीरें निकलती थी. जो कट्टरपंथी सोच का सबसे बड़ा ठेकेदार था. जो हमास जैसे आतंकी गुट को फ्रीडम फाइटर बताता है, जिसने इजरायल को हत्यारा तो वहीं अमेरिका को आतंकी करार दिया. इटली में रहने वाले पाकिस्तान के उसी इमाम को इटली की PM मेलोनी ने देश निकाले का आदेश दे दिया. 


बोलोग्रा में रहता था जुल्फिकार
 
इस इमाम का नाम जुल्फिकार खान है, जिनकी पैदाइश तो पाकिस्तान की है, मगर बीते कई सालों से इटली के बोलोग्ना शहर में रहता था. मगर हाल ही में इस कट्टरपंथी मौलाना पर मेलोनी सरकार का हंटर चलाया और देश से बाहर निकालने का आदेश जारी किया क्योंकि इमाम जुल्फिकार खान आतंकी संगठन हमास का कट्टर समर्थक था. 


इस इमाम ने गाजा जंग को लेकर कई आपत्तिजनक वीडियो भी डाले. जुल्फिकार खान ने इजरायल और अमेरिका को हत्यारा करार दिया. इतना ही नहीं इस इमाम ने इटली सरकार के खिलाफ भी जहर उगला. 8 अक्टूबर को मेलोनी ने जुल्फिकार को देश से निकालने का आदेश दिया. इटली से निकालने के साथ ही जुल्फिकार का निवास परमिट भी रद्द किया गया.


1995 में आया था इटली


दरअसल, 54 साल का कट्टरपंथी इमाम जुल्फिकार खान पाकिस्तानी नागरिक है, जो साल 1995 में इटली पहुंचा था और इसने इटली के बोलोग्ना शहर को अपना ठिकाना बनाया. गौर करने वाली बात ये है कि पहले तो ये कट्टरपंथी इमाम इस्लाम की बातें करता था. मगर धीरे-धीरे ये इटली की सरकार के लिए भी नासूर बनता गया क्योंकि उसकी तकरीरों में पश्चिम विरोधी, यहूदी विरोधी, समलैंगिकता विरोधी और महिला विरोधी भावनाएं थीं. मगर आरोप है कि ये पाकिस्तानी इमाम इटली सरकार की नीतियों का विरोध करने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों को भड़का रहा था.


ऐसे में इटली की सरकार ने तमाम कट्टरपंथियों को कड़ा संदेश देते हुए इमाम जुल्फिकार खान को देश से निकालने का आदेश जारी कर दिया. मगर ये कोई पहला वाक्या नहीं है, जब किसी पाकिस्तानी मौलाना-इमाम या फिर नागरिकों को किसी मुल्क से निकाला गया. उन्हें बाहर खदेड़ने का फरमान जारी किया गया हो. हाल ही में ब्रिटेन में हिंदू मंदिरों पर हमले हुए, जिनमें पाकिस्तानी नागरिकों का हाथ था. इसी तरह कई और आतंकी वारदातों में पाकिस्तान मूल के लोगों की मौजूदगी सामने आई है.


पाकिस्तानी भिखारियों से त्रस्त है दुनिया


मगर पाकिस्तानी मौलाना कट्टरपंथी सोच वाले अराजक तत्व ही नहीं बल्कि पाकिस्तानी भिखारियों से भी दुनिया के कई देश त्रस्त है. सबसे ज्यादा परेशान तो मुस्लिम देश सऊदी अरब है.


सऊदी अरब की सड़कों पर भीख मांगते ये वो पाकिस्तानी है, जो उमराह करने के नाम पर सऊदी अरब पहुंचते हैं और वहां मक्का-मदीना जाकर भीख मांगना शुरू कर देते हैं. ऐसे में सऊदी हज मंत्रालय को धमकी तक देनी पड़ी कि पाकिस्तान जल्द से जल्द इन भिखारियों पर रोक लगाए और इन भिखारियों को वापिस पाकिस्तान भेजने की भी तैयारी की गई.


पाक ने खुद कबूली फजीहत


आपको बता दें कि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय भी ये कबूल कर चुका है कि बीते ढाई साल के दौरान विदेश में पकड़े गए 90% भिखारी पाकिस्तानी मूल के थे. 44 हजार से ज्यादा पाकिस्तानी भिखारियों को दूसरे देशों ने वापस भेजा गया है. पाकिस्तान सरकार ने 2000 से ज्यादा भिखारियों के पासपोर्ट 7 साल के लिए ब्लॉक किए. इनमें वो ट्रैवल एजेंट भी शामिल हैं. जो विदेश में भीख मंगवाने का धंधा करते हैं.


मतलब ये कि जिस तरह इटली की सरकार ने पाकिस्तान के कट्टरपंथी इमाम जुल्फिकार को देश से निकाला. ठीक वैसे ही अन्य पाकिस्तानी नागरिक. यहां तक की पाकिस्तानी भिखारियों से दुनिया त्रस्त है. और शायद यहीं वजह है कि कंगाल पाकिस्तान से कोई भी मुल्क रिश्ता नाता नहीं रखना चाहता.