बाप रे! महिला की पलक के नीचे रेंग रहे थे जिंदा कीड़े, देखकर डॉक्टरों के भी उड़ गए होश
Live Worms In Eyes: चीन की राजधानी बीजिंग में रहने वाली महिला की दाईं आंख में दर्द उठा. डॉक्टरों ने देखा तो पता चला कि उसकी पलकों के नीचे चार जिंदा, सफेद कीड़े रेंग रहे थे.
Science News in Hindi: चीन से एक बेहद दुर्लभ मेडिकल मामला सामने आया है. उसकी दाहिनी आंख की पलक के नीचे जिंदा कीड़े रहते पाए गए. बीजिंग में रहने वाली 41 वर्षीय महिला जून 2022 में अस्पताल गई थी. उसे लगा कि उसकी दाहिनी आंख में कुछ दिक्कत है. डॉक्टरों ने देखा तो कोरोना में थोड़ी खराबी नजर आई. उन्होंने आई ड्रॉप्स लिख दिए और महिला को वापस भेज दिया. महीने भर बाद, महिला वापस लौटी तो उसकी आंख लाल हो चुकी थी और उसमें खुजली हो रही थी. उसे लग रहा था कि आंख में कुछ चल रहा है. जब डॉक्टरों ने फिर से आंख को एग्जामिन किया तो वे दंग रह गए. ऊपरी पलक वाला टिश्यू सामान्य से ज्यादा बड़ा और सूजा हुआ था. उसे उठाकर देखने पर नीचे चार जिंदा सफेद रंग के कीड़े रेंगते हुए नजर आए.
डॉक्टर्स ने आंख के आसपास एनेस्थेटिक अप्लाई किया और फिर फोरसेप्स की मदद से कीड़ों को आंख से निकला. सैंपल को लैबोरेटरी भेजा गया. माइक्रोस्कोप से देखने पर टीम ने पाया कि कीड़ों के शरीर पतले और लम्बे थे, जो छोटे-छोटे कट के निशानों से ढके हुए थे. हर एक कीड़े के शरीर के एक छोर पर मुंह जैसी संरचना थी, और दूसरा छोर नुकीला था. इस पूरे केस की रिपोर्ट BMC Ophthalmology जर्नल में 27 नवंबर को छपी है.
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जानवरों से फैलती है यह बीमारी
जेनेटिक टेस्टिंग से पता चला कि ये कीड़े Thelazia callipaeda नामक प्रजाति के हैं जिन्हें 'ओरियंटल आई वॉर्म' के नाम भी जाना जाता है. ये कीड़े थेलाजियासिस नामक पैरासिटिक बीमारी के लिए जिम्मेदार होते हैं. थेलाजियासिस आमतौर पर मक्खियों द्वारा जानवरों में फैलता है जो मवेशियों और पालतू जानवरों, जैसे कि कुत्तों और बिल्लियों के आंसुओं पर जिंदा रते हैं, जैसे ही वे खाते हैं, मक्खियां जानवरों की आंखों में टी. कैलिपेडा लार्वा छोड़ती हैं.
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इंसान में संक्रमण दुर्लभ
आंख के अंदर, लार्वा वयस्क कृमियों में विकसित होते हैं जो प्रजनन करते हैं, नए लार्वा बनाते हैं जो निगले जाने और दूसरी मक्खी द्वारा संचारित होने के लिए तैयार होते हैं, इस प्रकार संचरण चक्र जारी रहता है. इसके संक्रमण एशिया और महाद्वीपीय यूरोप के जानवरों मे मिले हैं. इंसानों को भी यह बीमारी हो सकती है, लेकिन दुर्लभ है. वैश्विक स्तर पर, इंसानों में थेलाजियासिस संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले चीन से ही आते हैं. वहां 1917 और 2018 के बीच 653 मामले दर्ज किए गए.