Internet Speed: दाने-दाने को मोहताज पाक में शहबाज सरकार की कारस्तानी, बैठ जाएगा इकोनॉमी का भट्टा, उबली जनता
Internet Speed in Pakistan: इंटरनेट और डाटा कनेक्टिविटी की लगातार धीमी स्पीड ने यूजर्स के लिए सोशल मीडिया एप्लिकेशन पर मैसेज, फोटो, वीडियो या वॉयस नोट्स भेजना और हासिल करना लगभग नामुमकिन बना दिया है.
Pakistan Internet: पाकिस्तान में इंटरनेट की बेहद धीमी गति और बार-बार आ रही रुकावटों को लेकर जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. जनता के गुस्से का एक बड़ा कारण वो फायरवॉल हैं जो शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से कथित तौर पर सोशल मीडिया पर राज्य विरोधी कंटेंट की निगरानी के लिए स्थापित किए हैं.
सरकार ने पिछले हफ्ते विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेतृत्व में सरकार विरोधी अभियान और विरोध प्रदर्शनों के बीच यह कदम उठाया था.
स्लो इंटरनेट से परेशान हो गई जनता
इंटरनेट और डाटा कनेक्टिविटी की लगातार धीमी स्पीड ने यूजर्स के लिए सोशल मीडिया एप्लिकेशन पर मैसेज, फोटो, वीडियो या वॉयस नोट्स भेजना और हासिल करना लगभग नामुमकिन बना दिया है.
हालांकि, पाकिस्तान की संघीय इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और टेलीकॉम राज्य मंत्री शाजा फतिमा ने दावा किया कि मामला कंट्रोल में है और इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय पूरे देश में बिना रुकावट इंटरनेट सुनिश्चित करने के लिए 'कोई कसर नहीं छोड़ रहा है.'
क्या बोली सरकार?
फातिमा ने कहा, "सरकार आईटी और टेलीकॉम इंडस्ट्री की सुरक्षा के लिए कमिटेड है. इस टारगेट को अचीव करने के लिए, हम मौजूदा प्रणालियों को अपडेट करने के साथ-साथ प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान दे रहे हैं, जिसमें टावर इंटेंसिटी बढ़ाना, ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुंच को व्यापक बनाना शामिल है."
मंत्री ने कहा, "सरकार नागरिकों के लिए सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण सुनिश्चित करने के लिए साइबर सुरक्षा संबंधी चिंताओं से भी निपट रही है."
'हर दिन होते हैं लाखों साइबर अटैक'
फातिमा ने कहा, "पाकिस्तान को रोज लाखों साइबर हमलों का सामना करना पड़ता है, जिससे आतंकवादी गतिविधियों का पता लगाना मुश्किल होता जा रहा है. किसी देश का अपनी साइबर सुरक्षा को लेकर चिंतित होने में कुछ भी विवादास्पद नहीं है. पूरी दुनिया अलग-अलग साइबर सुरक्षा तंत्रों का इस्तेमाल करती है."
फातिमा ने सभी बिजनेस यूजर्स, फ्रीलांसरों और अन्य लोगों से वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) तक बिना रुकावट पहुंच हासिल करने के लिए अपने आईपी को रजिस्टर कराने की अपील की.
सरकार ने दावा किया कि वह इस्लामाबाद और सैन्य संस्थाओं के खिलाफ कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए पब्लिश की जा रही फर्जी खबरों, गलत सूचनाओं और गलत प्रचार पर अंकुश लगाना चाहती है.
शहबाज सरकार ने क्यों की सख्ती
पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पीटीआई सरकार और सैन्य संस्थाओं के खिलाफ अपना गुस्सा जताने के लिए अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर रही है.
रविवार को, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने सुरक्षा बलों, स्टेट और सैन्य संस्थाओं के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अभियानों से निपटने के लिए 10-सदस्यीय टास्क फोर्स के गठन का ऐलान किया.
टास्क फोर्स का मकसद झूठी और फर्जी खबरें बनाने वाले संगठनों और लोगों की पहचान करना, उन्हें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रैक करना और देश के कानून के मुताबिक उन्हें जवाबदेह ठहराना है.
इकोनॉमी का बैठ जाएगा भट्टा
हालांकि, देश में इंटरनेट यूजर्स, सरकार के दावों से नाखुश नजर आए. कराची में एक आईटी पेशेवर खुर्रम अली ने कहा, "मुझे नहीं पता कि सरकार क्या सोच रही है और क्यों वह इस फैक्ट से पूरी तरह महरूम है कि फायरवॉल और इंटरनेट सुरक्षा उपाय लगाने से सभी क्षेत्रों के लोगों को भारी नुकसान हो रहा है."
खुर्रम अली ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के साथ काम करने वाली आईटी कंपनियों से लेकर सड़क पर डिलीवरी करने वाले तक, सभी को काम और संचार को मैनेज करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इंटरनेट में रुकावट के कारण कंपनियां अपने ग्राहकों को खो रही हैं."
आईटी एक्सपर्ट्स का मानना है कि इंटरनेट कनेक्शन में अनियमितता देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही है, जिसका सीधा असर आईटी और टेलीकॉम जैसे क्षेत्रों पर पड़ रहा है.
(इनपुट-IANS)