Reasons for Economic Crisis in Pakistan: भारत से दुश्मनी पाकिस्तान को इतनी भारी पड़ेगी, यह पाकिस्तान के लोगों ने सोचा भी नहीं होगा. भारत में मोदी सरकार आने के बाद पाकिस्तान के प्रति भारत के तेवर पहले ही तीखे थे. वर्ष 2019 में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद भारत से अपने सारे संबंध तोड़कर पाकिस्तान ने अपने पैरों पर और कुल्हाड़ी मार ली. इसके चलते उसका कारोबार ठप होकर रह गया. खाने- पीने की चीजों के लिए पाकिस्तान भारत पर आश्रित हो गया. 


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भारत से संपर्क टूटने के बाद अब उसे दोगुने दामों पर चीजों को अन्य देशों से मंगाना पड़ रहा है, जिससे उसकी कमर टूटती जा रही है. वहीं निर्यात सिकुड़ने की वजह से उसके पास डॉलर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में वह मुल्क चलाने के लिए IMF के पास जाता है और उससे फंड लेकर पुराना कर्ज चुका देता है, फिर नए कर्ज को चुकाने के लिए दोबारा से IMF के पास झोली फैला देता है.


फिर दिवालिया होने का संकट


एक्सपर्टो के मुताबिक पाकिस्तान के समाने एक बार फिर दिवालिया होने का संकट खड़ा हो गया है. जिसकी सबसे बड़ी वजह है पाकिस्तान के उपर बढ़ता बेतहाशा कर्ज़. पाकिस्तान ने पिछले 10 साल मे कर्ज लेने का एक रिकॉर्ड बना दिया है. पाकिस्तान के एक्सपर्ट मान रहे हैं जल्द ही उनका देश दिवालिया हो जाएगा. पाकिस्तान की इकोनॉमी किसी तरह आईएमएफ और दूसरे देशों से मिले कर्ज के सहारे चल रही है. लेकिन अब बढ़ते कर्ज का ब्याज चुकाना ही पाकिस्तान के लिए मुश्किल हो रहा है. 


कर्ज़ के जाल में पाकिस्तान 


पाकिस्तान पर 2013 के बाद कर्ज पांच गुना बढ़ गया है. मार्च 2024 तक पाकिस्तान पर कर्ज 67.525 ट्रिलियन रुपए हो गया है. इस कर्ज पर ब्याज देने में देश के राजस्व का बड़ा हिस्सा जा रहा है. पाकिस्तान के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक सरकार ने चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में सार्वजनिक कर्ज पर कुल 5.5118 ट्रिलियन रुपए का ब्याज दिया है.


दिवालिया होगा पाकिस्तान?


कहा ये जा रहा है कि दरअसल ये बजट पाकिस्तान की हुकूमत का इस पार्लियामेंट का नहीं है..बल्कि ये आईएमएफ का बजट है. जिसके लिए पाकिस्तान की हुकूमत पूरी कोशिश कर रही है कि उनको 6 से 8 अरब डॉलर का नया कर्ज मिल जाए, जिससे पाकिस्तान को दिवालिया होने से बचाया जा सके. 


अपनी आवाम पर टैक्स बढ़ाने की मजबूरी


पाकिस्तान को दिवालिया होने से बचने के लिए अपनी आवाम पर टैक्स का बोझ बढ़ाना पड़ रहा है ताकि वो और कर्ज लेकर दिवालिया होने से बच सके. रिपोर्ट में बताया गया है कि बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर एक पाकिस्तानी पर 2 लाख 79 हज़ार 606 रुपए का कर्ज है. अब पाकिस्तान के लिए अच्छी खबर ये है कि पाकिस्तान में गधों की संख्या में रिकॉर्डतोड़ बढ़ोत्तरी हुई है. पिछले एक साल में पाकिस्तान में एक लाख से ज्यादा गधे बढ़ गए हैं, जिसका ऐलान पाकिस्तान के आर्थिक सर्वे में किया गया है, जबकि घोड़ों, ऊंटों की तादाद में इजाफा नहीं हुआ है. 


चीन में पाकिस्तानी गधों की जबरदस्त डिमांड


चीन में पाकिस्तानी गधों की जबरदस्त डिमांड है..जिससे पाकिस्तान को लाखों-करोड़ों डॉलर की कमाई होती है. चीन की कंपनियां पाकिस्तान में गधों की फार्मिंग करने के लिए 25 हजार करोड़ रुपये तक इंवेस्टमेंट करने के लिए तैयार हैं. अक्सर खाली रहने वाली पाकिसतान की तिजोरी गधों से भर रही है तो पाकिस्तानी फाइनेंस मिनिस्टर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके गधों का शुक्रिया अदा भी किया. 


पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने गधों का जताया आभार


पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा, 'अगर खुदा ना खास्ता वो (गधे) ना होते तो आज हम बैठकर इस टारगेट पर चर्चा ना कर रहे होते. एक देश के तौर पर हम अलग ही हालात में होते.' पाकिस्तान वित्त मंत्री की इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पड़ोसी मुल्क किस तरह एक-एक पाई के लिए तरस रहा है और वहां के लोग गधे- घोड़े सब कुछ बेचकर विदेशी डॉलर इकट्ठा करने की जुगत में लगे हैं. ऐसे में अंदर से खोखला हो चुका पाकिस्तान कितने दिन तक टिका रहेगा, यह देखने लायक बात होगी.