दूसरों के लिए चाहता था सिर तन से जुदा, अब जिन्नालैंड में जहर उगलने वाला मौलाना मांग रहा जान की भीख
Pakistan Maulana Blasphemy: पाकिस्तान के कट्टरपंथी स्कूलों में जिस किताब की सर्कुलेशन सबसे ज्यादा होती है तारिक मसूद नाम का ये मौलाना उस किताब का लीड राइटर है. लेकिन इस्लाम की तौहीन पर सजा-ए-मौत की वकालत करने वाला ये मौलाना अब जिन्नालैंड में जान की भीख मांग रहा है.
Pakistan Maulana Tariq Masood: पाकिस्तान दुनिया का वो मुल्क है, जो मजहब के आधार पर कट्टरता के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है. दरअसल सरहद पार ऐसे मौलानाओं की एक लंबी जमात है जो पूरे मुल्क में मजहब के नाम पर नफरत और उन्माद की फैक्ट्री चलाते हैं. ईशनिंदा के नाम पर लोगों की हत्या करना, फतवा जारी करना ये सब जिन्नालैंड में बेहद आम बात है. लेकिन अब पाकिस्तान के एक ऐसे ही मौलाना के खिलाफ वहां के मस्जिदों से फतवा जारी किया गया है. क्या है पाकिस्तान में मौलाना का 'सिर तन से जुदा' का पूरा माजरा.
जान की भीख मांग रहा कट्टरपंथी मौलाना
पाकिस्तान के कट्टरपंथी स्कूलों में जिस किताब की सर्कुलेशन सबसे ज्यादा होती है तारिक मसूद नाम का ये मौलाना उस किताब का लीड राइटर है. लेकिन इस्लाम की तौहीन पर सजा-ए-मौत की वकालत करने वाला ये मौलाना अब जिन्नालैंड में जान की भीख मांग रहा है.
पाकिस्तान की गलियों में तारिक मसूद के नाम से ऐसे कई पोस्टर चस्पा हैं. हर मस्जिद से ऐसे ही फतवे जारी हो रहे हैं. इस मौलाना पर आरोप ईशनिंदा का है. इस्लाम और कुरान की तौहीन का और डिमांड ये कि जल्द से जल्द इस मौलाना का सिर तन से जुदा कर दिया जाए.
मौलाना के विवादित बयान पर मचा बवाल
दरअसल, हुआ यूं कि पाकिस्तान के एक मस्जिद में कई मौलाना तकरीर सुनने के लिए इकट्ठा हुए. कुर्सी पर मौलाना तारिक मसूद बैठा था. लेकिन वहां उसने कुछ ऐसा बोल दिया, जिससे पूरा पाकिस्तान अब उसका दुश्मन बन गया है.
तारिक मसूद ने कहा, 'हमारे नबी ना लिखना जानते थे, ना पढ़ना जानते थे. अरे भाई, फिर उनको क्यों फॉलो कर रहे हो यार. खुद बोल रहे हो, ना लिखना जानते थे, ना पढ़ना.'
ये वही शख्स है जो केवल पाकिस्तान ही नहीं बल्कि इस्लाम की तौहीन के नाम पर पूरी दुनिया में घूम घूम कर सजा ए मौत का वकालत करता था और अब इसी को मानने वाले मौलानाओं ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
मौलाना की हो गई फजीहत, जान के पड़ गए लाले
मौलाना तारिक मसूद ने आगे कहा, 'कुरान कह रहा है, जो कुरान पेश कर रहे हैं. उनके दाएं हाथ ने एक लफ्ज नहीं लिखा. जब कुरान की आयतें नाजिल होती थीं. तो नबी अपने टसहाबियों को बुलाते और कहते कि लिखो. उन्होंने लिखवाया ना, आप लिखना पढ़ना नहीं जानते थे. इसलिए कुरान में व्याकरण की गलती हुई, लिखने में.'
मौलाना तारिक मसूद की इन बातों को अब ईशनिंदा की कैटगरी में रख दिया गया है. पुलिस थानों और अदालत में FIR पर FIR दर्ज हो रहे हैं.
एक तरफ FIR और दूसरी तरफ एक के बाद एक फतवे के बाद. फतवा की वकालत करने वाला मौलाना अब वीडियो जारी कर उन्हीं मौलानाओं से माफी मांग रहा है, जिसे कभी वो कट्टरपंथ का पाठ पढ़ाया करता था.
अब माफी मांग रहा मौलाना
मौलाना तारिक मसूद ने कहा, 'अगर मेरी बातों से किसी को ये लगा कि मैंने किसी की तौहीन की है. तो मैं माफी मांगता हूं, इस्लाम के लिए मरने के लिए तैयार हूं. सोचिए जो शख्स कुरान की बातों को बताने के लिए आया हो वो कैसे कुरान को गलतियों की किताब कह सकता है.'
मौलाना तारिक मसूद भले ही अपनी जान बचाने के लिए माफी मांग रहा हो. लेकिन पाकिस्तान में कट्टरपंथ की जड़ें इतनी गहरी है...कि जहर फैलाने वाले मौलाना एक दिन खुद इसके शिकार हो रहे हैं.