Shehbaz Sharif Budget: पाकिस्तान के नेता और हुक्मरानों को अकल ठिकाने तब लगती है जब वे अपना नुकसान कर बैठते हैं. पिछले दिनों उन्होंने भारत की ईर्ष्या में अपने रक्षा बजट में 15 प्रतिशत का इजाफा कर दिया. अब पछता रहे हैं. असल में हुआ यह कि पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने रविवार को स्वीकार किया कि बजट में लगाए गए नए करों के कारण लोग तनाव में हैं. उनके राजस्व उपायों की लगभग सभी ने आलोचना की थी. 


एक जुलाई से प्रभावी होगा


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असल में उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने संविधान के अनुच्छेद 75 के तहत प्रधानमंत्री की सलाह पर वित्त विधेयक 2024 को अपनी मंजूरी दे दी है. राष्ट्रपति सचिवालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार यह विधेयक एक जुलाई से प्रभावी होगा. नेशनल असेंबली ने 28 जून को कुछ संशोधनों के साथ बजट को पारित कर दिया था, लेकिन सकल राजस्व प्राप्तियों के लक्ष्य को अपरिवर्तित रखा. 


मंत्री औरंगजेब ने संवाददाताओं से कहा कि वह समझते हैं कि वेतनभोगी वर्ग को खासतौर से नए करों के कारण वित्तीय तनाव का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने संभव होने पर वेतनभोगी वर्ग को राहत देने का वादा किया. 


वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट
पाकिस्तान की शरीफ सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश किया. खास बात ये कि रक्षा बजट में इजाफा किया गया है. वित्त वर्ष 2023-24 में पाकिस्तान का रक्षा बजट 1804 अरब रुपये था. इसबार रक्षा बजट बढ़ाकर 2122 अरब रुपये कर दिया गया है. जोकि पिछले बजट के मुकाबले 318 अरब रुपये ज्यादा है. यानी रक्षा बजट में 15 फीसदी का इजाफा किया गया है.  सवाल रक्षा बजट में इजाफे का नहीं है, सवाल टाइमिंग का है.


आर्थिक हालत खस्ताहाल है
पाकिस्तान ने ऐसे वक्त रक्षा बजट में इजाफा किया है. जब उसकी आर्थिक हालत खस्ताहाल है. विदेशी कर्ज चुकाने तक के पाकिस्तान के पास पैसे नहीं है. यही वजह है कि सरकार में PML(N) की सहयोगी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी बजट को लेकर नाराज दिख रही है.