Islamabad: पाकिस्तान में इस समय आम चुनाव कराए जा रहे हैं. मुख्य विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की ओर से उसे चुनाव में नहीं लड़ने देने के आरोप लगा रही है. इस आरोप पर पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने आज रविवार यानी 7 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अगले महीने 8 फरवरी को चुनाव होने वाले है. ऐसे में पाकिस्तान में इमरान की पार्टी को तगड़ा झटका मिला है. 24% उम्मीदवारों का पत्ता साफ हो गया है, लेकिन बताया जा रहा है, कि पार्टी के 76 फीसदी उम्मीदवारों के नामांकन पत्र स्वीकार भी कर लिए गए हैं. बता दें, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अभी जेल में बंद है. 


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पीटीआई उम्मीदवारों 


ईसीपी ने पीटीआई पार्टी की ओर से दायर उस अवमानना याचिका के जवाब में डेटा प्रस्तुत किया है. जिसमें कहा गया है, कि ईसीपी ने चुनाव में समान अवसर न मिलने की पार्टी की चिंताओं को दूर करने के शीर्ष अदालत के निर्देश का पालन नहीं किया था. ईसीपी ने शीर्ष अदालत को बताया कि नेशनल असेंबली के लिए पीटीआई उम्मीदवारों के कुल 843 नामांकन पत्रों में से 598 को स्वीकार कर लिया गया, जबकि प्रांतीय असेंबली के लिए 1,777 उम्मीदवारों में से 1,398 को मंजूरी दे दी गई. 


नामांकन पत्रों की स्वीकृति
ECP ने कहा, “देश और प्रांतीय विधानसभाओं के चुनाव के लिए पीटीआई उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की स्वीकृति का अनुपात 76.18 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि पीटीआई को अपीलीय चुनाव न्यायाधिकरण के समक्ष उम्मीदवारों की अस्वीकृति के खिलाफ अपील करने का अधिकार है. इसमें यह भी कहा गया है, कि डेटा से पता चलता है कि पीटीआई उम्मीदवार उनके प्रस्तावकों और अनुमोदकों को समान अवसर प्रदान किए गए थे.


चुनाव प्रक्रिया के दौरान (PTI) 
ईसीपी ने अदालत को यह भी बताया कि उसके अधिकारियों ने पीटीआई नेताओं से मुलाकात की और पार्टी को आश्वासन दिया कि सभी उम्मीदवारों को समान अवसर प्रदान किए जाएंगे. इसके बाद ईसीपी ने अदालत से पीटीआई के खिलाफ दायर अवमानना याचिका को खारिज करने का अनुरोध किया. बता दें, शीर्ष अदालत ने 22 दिसंबर को ईसीपी को चुनाव प्रक्रिया के दौरान पीटीआई को समान अवसर न मिल पाने के बारे में पार्टी की शिकायतों पर तत्काल ध्यान देने का निर्देश दिया था.