Pakistan: बातचीत की आड़ में पाकिस्तान के जनजातीय इलाके कब्जाना चाहता था TTP, पाक अधिकारी का दावा
Pakistan News: पाकिस्तानी अधिकारी ने पाकिस्तान और टीटीपी के बीच समझौते नहीं होने के लिए `खतरनाक लोगों की अनुचित और असंवैधानिक मांगों` का जिम्मेदार ठहराया.
Pakistan-TTP News: पाकिस्तान के शीर्ष अधिकारी ने दावा किया कि बातचीत की आड़ में, प्रतिबंधित आतंकवादी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) पूर्व जनजातीय क्षेत्रों के भीतर अपना 'साम्राज्य' स्थापित करना चाहता था. अधिकारी के मुताबिक अफगान तालिबान मौन समर्थन के साथ वह इस लक्ष्य को हासिल करने की फिराक में था.
शीर्ष अधिकारी ने अफगानिस्तान के अंतरिम विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी के इस दावे का जोरदार खंडन किया कि पाकिस्तान अंतिम समय में टीटीपी के साथ समझौते से पीछे हट गया. उच्च पदस्थ पाकिस्तानी अधिकारी ने दावा किया कि 'खतरनाक लोगों की अनुचित और असंवैधानिक मांगों' के कारण बातचीत नाकाम हो हो गई.
अफगान मंत्री ने लगाया आरोप
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के अनुसार, पिछले हफ्ते तेहरान में फिलिस्तीन सम्मेलन में अफगान अंतरिम विदेश मंत्री मुत्ताकी और पाकिस्तान के सीनेटर मुशाहिद हुसैन सैय्यद के बीच अनौपचारिक बातचीत के दौरान, तालिबान नेता ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान और टीटीपी के बीच अधिकांश मुद्दे 2022 में ही हल हो गए थे.
मुत्ताकी ने तर्क दिया कि विवाद का एकमात्र शेष बिंदु पूर्व संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्रों (एफएटीए) के विलय के संबंध में था. उनके अनुसार, पाकिस्तान तब पीछे हट गया जब दोनों पक्ष एक समझौते को अंतिम रूप देने के कगार पर थे.
पाकिस्तान अधिकारी ने किया मुत्ताकी के दावे का खंडन
हालांकि, मामले से परिचित शीर्ष क्रम के पाकिस्तानी अधिकारी ने मुत्ताकी के बयान को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया, और कहा कि अफगान राजनयिक की कहानी में सच्चाई का अभाव है.
'क्या हम अपने इलाके आंतकवादियों को सौंप दें'
अधिकारी ने बताया कि टीटीपी की अनुचित और असंवैधानिक मांगों के कारण वार्ता विफल हो गई. अखबार के मुताबिक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि बातचीत की आड़ में, आतंकवादी समूह का लक्ष्य अफगान तालिबान के मौन समर्थन के साथ, पूर्व जनजातीय क्षेत्रों के भीतर अपना 'साम्राज्य' स्थापित करना था.
अधिकारी ने द्विपक्षीय संबंधों में मौजूदा गतिरोध के लिए अफगान तालिबान सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए जोर दिया और सवाल किया, 'क्या हमें अपना क्षेत्र इन आतंकवादियों को सौंप देना चाहिए? बिल्कुल नहीं.'
(एजेंसी इनपुट के साथ)