Imran Khan Supporters: पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई के लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) ने 24 नवंबर को विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया था. वहीं शहबाज सरकार ने ऐसा ना करने की चेतावनी दी थी और प्रदर्शन पर आतंकी हमला होने की आशंका भी जाहिर की थी. साथ ही शहबाज सरकार ने इस प्रदर्शन को कुचलने के लिए हर संभव तैयारी भी कर ली थी. लिहाजा आलम ये रहा कि जब पीटीआई के समर्थक इस्‍लामाबाद की सड़कों पर उतरे तो यह हिंसक हो गया.


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4 हजार समर्थक गिरफ्तार
 
विरोध करने उतरे इमरान खान के समर्थकों को रोकने के लिए इस्‍लामाबाद में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. सड़कों पर 30 से ज्‍यादा कंटेनर्स लगाए गए थे. लेकिन समर्थक नहीं माने और जब विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ तो पुलिस ने 4 हजार पीटीआई वर्कर्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान समर्थकों और पुलिस के बीच झड़पें भी हुईं. ये समर्थक जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई की मांग कर रहे थे.


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5 सांसद भी गिरफ्तार


पंजाब प्रांत के एक सुरक्षा अधिकारी शाहिद नवाज ने समर्थकों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है, जिसमें 5 सांसद भी शामिल हैं. पीटीआई पार्टी के पूर्व चीफ इमरान खान ने 13 नवंबर को इस विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि प्रदर्शन गुलामी की बेड़ियां तोड़ने के लिए है. पीटीआई पार्टी पाकिस्‍तान सरकार पर जेल में बंद उनके नेताओं की रिहाई कराने के लिए दबाव बना रही है जो 1 साल से जेल में बंद हैं. इसमें इमरान खान समेत डेढ़ सौ से ज्‍यादा नेता शामिल हैं.


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सरकार ने किए थे तगड़े इंतजाम


सरकार ने इस प्रदर्शन को रोकने के लिए जमकर तैयारियां की थीं. इस्‍लामाबाद आने वाली प्रमुख सड़कों को शिपिंग कंटेनरों की मदद से सील कर दिया गया था. शहर में धारा 144 लगा दी गई थी. इंटरनेट, मोबाइल सेवाएं बंद कर दी गई थीं. स्‍कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए थे. पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सस्पेंड कर दिया गया था.


बुशरा बीबी भी हुईं शामिल


इमरान खान समर्थकों का साथ देने के लिए इस प्रदर्शन में इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी भी शामिल हुईं. वो खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर के नेतृत्व वाले काफिले का हिस्सा थीं.


बता दें कि पाकिस्तान में 25 से 27 नवंबर तक बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको दौर पर हैं. वहीं इससे पहले 24 नवंबर को उनके प्रतिनिधिमंडल के 80 लोग देश में पहुंच गए थे. इसी के चलते ही पाकिस्तान सरकार ने पीटीआई के इस विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए हर मुमकिन कोशिश की. साथ ही संसद, सुप्रीम कोर्ट समेत सभी महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों की सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किए गए थे.