इस्लामाबाद: दिवालिया होने की कगार पर खड़े पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बार फिर भारत को आंख दिखाने की कोशिश की है. उन्होंने कहा है कि 'भारत, पाकिस्तान की शांति की इच्छा को उसकी कमजोरी समझने की भूल न करे.' एक वीडियो संदेश में कुरैशी ने गुरुवार को यह बात कही. उन्होंने कहा, "यह बेहद चिंता की बात है कि मिसाइलें तैनात की जा रही हैं. अगस्त के बाद से किए गए मिसाइल परीक्षण भारत के इरादों को बता रहे हैं जो क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बन सकते हैं. उनके कदमों में एक खास सोच दिख रही है."


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कुरैशी ने एक बार फिर कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन का रोना रोया. इसके साथ ही उन्होंने बाबरी मस्जिद से जुड़े अदालती फैसले के हवाले से कहा कि ऐसी बातें 'भारतीय मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बना रही हैं.'


कुरैशी ने भारत के अंदरूनी मामले में दखल देते हुए इसके नागरिकता संशोधन कानून का मुद्दा उठाया और भारतीय राजनीतिक परिदृश्य पर अपनी मंशा थोपने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि 'पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस कानून की निंदा की है. धीरे-धीरे इसके खिलाफ हर राज्य और हर शहर में विरोध बढ़ रहा है. हमें डर है कि इन विरोध प्रदर्शनों से ध्यान हटाने के लिए भारत 'कुछ योजना' बना रहा है. इससे साफ है कि भारत शांति नहीं चाहता.'


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कुरैशी ने कहा, "पाकिस्तान के लोगों की तरफ से मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहना चाहता हूं कि हम एक शांतिपूर्ण राष्ट्र हैं. लेकिन, अगर आपने किसी बहाने से हमला करने के बारे में सोचा तो हमारी सेना आपको करारा जवाब देगी."