इस्लामाबाद: नवाज शरीफ का पाकिस्तान के सत्तारूढ़ दल पीएमएल-एन का मंगलवार (3 अक्टूबर) को फिर से अध्यक्ष चुना जाना तय है. इससे पहले देश के अपदस्थ प्रधानमंत्री के फिर से दल के अध्यक्ष बनने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए उनकी पार्टी सोमवार (2 अक्टूबर) को अपने संविधान में संशोधन को लेकर सहमत हुई. पनामा पेपर्स मामले में इस साल 28 जुलाई को उच्चतम न्यायालय द्वारा अयोग्य ठहराये जाने के बाद उनको पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएलएन) के प्रमुख का पद छोड़ना पड़ा था. पाकिस्तानी मीडिया की खबर के मुताबिक पीएमएल-एन की केंद्रीय कार्यकारी समिति (सीडब्ल्यूसी) ने शरीफ के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए एक प्रस्ताव पारित किया.


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समाचार पत्र ‘डॉन’ के मुताबिक नेता पार्टी के संविधान में संशोधन को लेकर भी सहमत हुए कि किसी सरकारी पद पर नहीं होते हुए भी किसी व्यक्ति को पार्टी का अध्यक्ष बनाये जाने का रास्ता साफ हो सके. पीएमएल-एन के चेयरमन राजा जफरूल हक की अध्यक्षता में आयोजित सीडब्ल्यूसी के सत्र में पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ, प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और अंतरिम अध्यक्ष सीनेटर सरदार याकूब नासिर ने हिस्सा लिया.


पनामा पेपर्स: नवाज शरीफ को राहत, भ्रष्टाचार के मामलों में आरोप तय किए जाने की प्रक्रिया स्थगित


पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सोमवार (2 अक्टूबर) को उस समय थोड़ी राहत मिल गई जब एक भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने पनामा पेपर मामले में आरोप तय किए जाने की प्रक्रिया नौ अक्तूबर तक के लिए स्थगित कर दी. शरीफ (67) अपने और अपने परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के तीन मामलों में अदालती सुनवाई के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच जवाबदेही अदालत में पेश हुए. सुनवाई के दौरान उनके वकील ख्वाजा हैरिस ने दलील दी कि आरोप तय किए जाने की प्रक्रिया से पहले मामले के सभी आरोपियों को अदालत के समक्ष पेश होना होगा. शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता मोहसिन शाहनवाज रांझा ने एक घंटे से अधिक समय तक चली सुनवाई के बाद मीडिया को बताया कि आरोप तय किए जाने की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है. उन्होंने कहा, ‘आरोप तय किया जाना अभी लंबित है और इस पर आगामी सोमवार (नौ अक्तूबर) को सुनवाई की अगली तारीख पर चर्चा की जाएगी.’


अदालत ने शरीफ की बेटी मरियम, बेटों-हुसैन और हसन तथा दामाद मोहम्मद सफदर के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किए और उन्हें सुनवाई की अगली तारीख पर तलब किया. हैरिस ने दलील दी कि क्योंकि शरीफ के बच्चे अपनी बीमार मां की देखरेख के लिए लंदन में हैं, इसलिए गैर जमानती वारंट जारी नहीं किए जाने चाहिए. लेकिन अदालत ने उनका तर्क माने से इनकार कर दिया और गैर जमानती वारंट जारी कर दिए. रांझा ने कहा कि मरियम और उनके पति मोहम्मद सफदर लंदन से देश वापस आने को तैयार हैं और अगली सुनवाई पर अदालत में पेश होंगे. उन्होंने कहा कि बचाव पक्ष ने अदालत में पेशी से शरीफ को छूट दिए जाने के मुद्दे पर जोर नहीं दिया.