यंगून: म्यांमार (Myanmar) में तख्तापलट के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन जारी हैं. क्रूर सेना (Army) ने अब तक कई प्रदर्शनकारियों (Protesters) को मौत के घाट उतार दिया है, इसके बावजूद लोग लोकतांत्रिक सरकार की बहाली के लिए आवाज उठा रहे हैं. हालांकि, अब उन्होंने सुरक्षा बलों से टकराव और गिरफ्तारी से बचने के लिए नया तरीका निकाला है. अब वह गाड़ियों के हॉर्न (Horn) बजाकर अपना विरोध दर्शा रहे हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी वाहन रैली निकाल रहे हैं और जोर-जोर से हॉर्न बजाकर सेना के प्रति अपना गुस्सा प्रकट कर रहे हैं.  


अब तक 250 की मौत


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म्यांमार की सेना ने एक फरवरी को तख्तापलट करते हुए आंग सान सूची (Aung San Suu Kyi) सहित सभी प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था. सूची पर कई धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जा रहा है. देश की जनता लगातार गिरफ्तार नेताओं की रिहाई की मांग कर रही है, लेकिन सेना कुछ भी सुनने को तैयार नहीं. विरोध-प्रदर्शनों में अब तक करीब 250 लोगों की मौत हुई है.


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चौराहे पर लगाए गए Posters


म्यांमार के सबसे बड़े शहर यंगून के कई इलाकों में सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने अपनी कारों और मोटरसाइकिलों के हॉर्न बजाकर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, मिंडैट शहर में प्रदर्शनकारियों ने एक खाली चौराहे के सामने कई पोस्टर लगा दिए. इन पोस्टरों पर सैन्य शासन विफल होगा जैसे नारे लिखे थे. उधर, देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले में हुई ताजा हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई है. यहां रविवार को हुई हिंसा में चार लोगों की जान गई थी और कई घायल हुए थे. 


EU ने सैन्य अफसरों पर लगाया बैन 


म्यांमार की सेना के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधों का दौर जारी है. यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने सैन्य तख्तापलट में शामिल रहे शीर्ष अफसरों पर कार्रवाई की है. यूके ने 11 शीर्ष सैन्य अफसरों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इनके यूरोपीय देशों की यात्रा पर रोक लगाने के साथ संपत्ति जब्त करने का कदम भी उठाया गया है. ईयू के विदेश मामलों के प्रमुख जोसेफ बोरेल ने कहा कि तख्तापलट में शामिल रहे 11 लोगों पर हमने प्रतिबंध लगा दिए हैं. म्यांमार में जो कुछ भी हो रहा है वह तत्काल बंद होना चाहिए. सेना को लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को सत्ता सौंपनी चाहिए.