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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विज्ञान और तकनीकी मंत्री फवाद चौधरी (Fawad Chaudhry) एक बार फिर सुर्खियों में हैं. इस बार भी वजह वही है, उनकी बेलगाम बयानबाजी. हालांकि, इस बार उनकी मुश्किलें थोड़ी ज्यादा बढ़ गईं हैं, क्योंकि उनके बयान ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की पत्नी को नाराज कर दिया है और वह अदालत चली गईं हैं. दरअसल, कुछ दिन पहले फवाद चौधरी ने ट्वीट कर जज काजी फैज ईसा (Qazi Faez Isa) को चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी. साथ ही उनके लिए कुछ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल भी किया था. इसी को लेकर अब जज काजी की पत्नी सरीना ईसा (Sarina Isa) सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं.
सरीना ईसा ने फवाद चौधरी के खिलाफ याचिका दायर करते हुए उनके ऊपर कोर्ट की अवमानना का केस चलाने की अपील की है. फवाद चौधरी ने 19 मार्च को ट्वीट कर जज काजी पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं. उन्होंने लिखा था, ‘कुछ हफ्ते पहले सुप्रीम कोर्ट के अंडर ट्रायल जज (जस्टिस ईसा) के भाषण सुने. यदि मैं उन्हें जवाब देता, तो मुझे लोग लेक्चर देने लगते. हम जिस तरह से अपमानित किए गए, मुझे ये सुनकर बुरा लगा’. मंत्री महोदय यहीं नहीं रुके उन्होंने इसके बाद भी न्यायाधीश को निशाना बनाना जारी रखा.
फवाद चौधरी ने दूसरे ट्वीट में लिखा, ‘सर, अगर आप भी अपने गॉडफादर इफ्तिखार चौधरी (पाकिस्तान के पूर्व चीफ जस्टिस) की तरह राजनीति के शौकीन हैं, तो अपने पद से इस्तीफा दें और चुनाव लड़ें. आपको पता चल जाएगा कि आप कितने लोकप्रिय और स्वीकार्य हैं’. जस्टिस ईसा की पत्नी ने ‘अंडर ट्रायल जज’ और ‘गॉडफादर’ शब्द पर आपत्ति जताई है. उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि फवाद चौधरी ने उनके पति के लिए अंडर ट्रायल जज का इस्तेमाल किया, वह कोई अंडर ट्रायल कैदी नहीं हैं. इसके अलावा उन्होंने गॉडफादर शब्द का भी इस्तेमाल किया, जो माफियाओं के लिए इस्तेमाल होता है.
अपनी याचिका में सरीना ईसा ने कहा कि मंत्री फवाद ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया वो पाकिस्तान के संविधान, पूर्व चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज का अपमान है और ये सीधे तौर पर कोर्ट की अवमानना है. बता दें कि जस्टिस काजी फैज ईसा पाकिस्तान के विवादित जज हैं. पिछले साल भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान उन्हें पद से हटाना चाहते थे, लेकिन उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला. जानकारों का मानना है कि यदि जस्टिस ईसा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप साबित नहीं हुए तो 2023 में आम चुनाव के बाद वह पाकिस्तान के चीफ जस्टिस बन सकते हैं.
न्यायमूर्ति काजी फैज ईसा (Justice Qazi Faez Isa) और न्यायमूर्ति सरदार तारिक की पीठ ने हाल ही में पाकिस्तान सरकार को फटकार लगाई थी. दरअसल, शीर्ष कोर्ट को सूचित किया गया था कि जनगणना के संबंध में काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स (सीसीआई) द्वारा निर्णय नहीं लिया गया है. इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने पूछा था कि CCI की बैठक दो महीने में क्यों नहीं हुई? कोर्ट ने सवाल किया था कि क्या जनगणना के परिणाम जारी करना सरकार की प्राथमिकता नहीं है? न्यायमूर्ति ईसा ने इमरान खान सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि या तो सरकार देश चलाने में सक्षम नहीं है या वह निर्णय लेने में असमर्थ है.