खार्तूम: सूडान के राष्ट्रपति उमर अल बशीर ने स्वीकार किया कि विवादास्पद सार्वजनिक व्यवस्था कानून तथा देश के बिगड़ते आर्थिक हालात से युवाओं में आक्रोश है और यही वजह है कि युवा प्रदर्शन कर उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.


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सूडान में दिसंबर से प्रदर्शन चल रहे हैं. प्रदर्शनों की शुरुआत ब्रेड के दाम तीन गुना बढ़ाने के सरकार के फैसले से हुई थी. ये प्रदर्शन देखते देखते रैलियों में तब्दील हो गए और आक्रोशित जनता बशीर के तीन दशक पुराने शासन के खिलाफ ‘आजादी, शांति और न्याय’ के नारे लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग कर रही है. 


(फोटो साभार: dw.com)

अधिकारियों का कहना है कि अभी तक इन प्रदर्शनों में 30 लोग मारे जा चुके हैं वहीं ह्यूमन राइट्स वाच ने यह संख्या 51 बताई है. राष्ट्रपति (75) ने बुधवार देर रात अपने आवास में संवाददाताओं से कहा, ‘‘सड़कों पर उतरे लोग ज्यादातर युवा हैं और उनमें से अधिकतर महिलाएं हैं.’’ 


बशीर ने कहा कि उच्च मुद्रास्फीति सहित आर्थिक हालात भी प्रदर्शन का कारण हैं. उन्होंने कहा, ‘‘युवाओं के लिए रोजगार के सीमित साधन हैं जबकि उनकी महत्वाकांक्षा हकीकत से काफी अधिक है.’’ 


दरअसल बशीर देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के लिए सूडान में 1997 में अमेरिका द्वारा लगाई गई व्यापार रोक को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं. हालांकि यह रोक अक्टूबर 2017 में हटा दी गई थी लेकिन इससे आर्थिक हालात में कोई खास सुधार नहीं हुआ है. बशीर ने सूडान के आर्थिक संकट के लिए बुधवार को अमेरिका को फिर जिम्मेदार ठहराया.


(इनपुट भाषा से)