Pro-Khalistan protesters attacked on Indian Consulate in San Francisco: भारत में कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई शुरू होने पर खालिस्तानी समर्थकों ने अब ब्रिटेन के बाद अमेरिका में भी उत्पात मचाया है. जानकारी के मुताबिक खालिस्तान समर्थकों ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारत के वाणिज्यिक दूतावास पर हमला किया है. उन्होंने यह यह हमला पंजाब में अमृतपाल सिंह के खिलाफ सख्ती किए जाने के विरोध में किया है. 


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आप्रवासी भारतीयों ने की कड़ी निंदा  


रिपोर्ट के मुताबिक खालिस्तान समर्थकों (Pro-Khalistan) ने रविवार को सैन फ्रांसिस्को में इंडियन कॉन्सुलेट पर अटैक करके वहां तोड़फोड़ की. इस घटना के बाद अमेरिका में बसे आप्रवासी भारतीय उबल पड़े हैं. उन्होंने घटना की कड़ी निंदा करते हुए अमेरिकी प्रशासन से खालिस्तानी अलगाववादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. साथ ही भारतीय दूतावासों और हिंदू मंदिरों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग भी की है. 


मुट्ठीभर खालिस्तानी कर रहे हैं अटैक


अमेरिका में बसे आप्रवासी भारतीयों ने घटना पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, 'हम लंदन और सैन फ्रांसिस्को में लॉ एंड ऑर्डर का पूरी तरह फेलियर देख चुके हैं. कुछ मुट्ठीभर कट्टरपंथी अलगाववादियों (Pro-Khalistan) ने विदेशों में भारतीय राजनयिक दूतावासों पर एक के बाद एक अटैक किए लेकिन उनके खिलाफ अब तक कड़ी कार्रवाई देखने में नहीं आई है. फॉउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडिया डायस्पोरा ने सैन फ्रांसिस्कों में हुई घटना की जिम्मेदारी तय करने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.' 


भारतीय अमेरिकी समुदाय के लोगों में रोष


अमेरिका में भारत के वाणिज्य दूतावास पर हमला किए जाने की घटना को लेकर भारतीय अमेरिकी समुदाय के लोगों में रोष है. विरोध में यहां लोगों ने प्रदर्शन किया है और आरोपियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है. भारतीय अमेरिकी समुदाय के लोगों के संगठन फाउंडेशन फॉर इंडिया ऐंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज ने सैन फ्रांसिस्को में हुए हमले की आलोचना की है. संगठन ने कहा है कि हम लंदन और सैन फ्रांसिस्को में भारतीय प्रतिष्ठानों पर हमले को रोकने में नाकाम व्यवस्था से दुखी हैं. दोनों ही जगहों पर कानून व्यवस्था पूरी तरह से फेल रही है. सवाल करते हुए कहा गया कि आखिर कैसे कुछ कट्टरपंथी लोगों ने भारत के राजनयिक मिशनों पर हमला बोल दिया.


कौंसुलेट के दरवाजे-खिड़कियां तोड़ डाली 


रिपोर्ट के मुताबिक खालिस्तानी समर्थक (Pro-Khalistan) अलगाववादी नारेबाजी करते हुए कौंसुलेट में घुसे और दरवाजे-खिड़कियों पर लोहे की छड़ों से हमला शुरू कर दिया. इस दौरान उन्होंने कौंसुलेट के बाहर लगी बैरिकेडिंग को तोड़कर वहां पर 2 खालिस्तानी झंडे भी लगा दिए. हालांकि कौंसुलेट में तैनात कर्मचारियों ने थोड़ी ही देर में उन्हें वहां से हटा दिया. इस दौरान अलगाववादियों ने भारत के खिलाफ आपत्तिजनक नारेबाजी भी की.


भारत-अमेरिकी रिश्तों के लिए चिंता की बात


इस घटना पर गंभीर चिंता जताते हुए भारतीय अमेरिकी समुदाय के लीडर अंजय भुतोरिया ने हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि अलगाववादियों की यह घटना अमनपसंद भारतीय अमेरिकी समुदाय पर सीधा हमला है. स्थानीय प्रशासन को इस घटना में शामिल लोगों की पहचान करके उन्हें तुरंत अरेस्ट करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह हिंसक घटना भारत और अमेरिका के बीच बढ़ रहे द्विपक्षीय रिश्तों के लिए गंभीर चिंता की बात है. ऐसी घटनाओं पर तुरंत रोक लगनी चाहिए. 


अमृतपाल के खिलाफ शुरू हुआ पुलिस एक्शन


बता दें कि 1984 के दशक के सिख आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के नक्शेकदम पर चलते हुए अब अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) भी खालिस्तानी अलगाववाद को भड़काने में जुटा है. पंजाब पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने उसके खिलाफ 18 मार्च से जोरदार अभियान शुरू किया, जिसमें उसके 78 से ज्यादा समर्थक गिरफ्तार किए गए. जबकि अमृतपाल सिंह चकमा देकर भागन निकलने में कामयाब रहा. अमृतपाल के खिलाफ शुरू हुए इस एक्शन से विदेश में बैठे खालिस्तानी समर्थक बौखला गए हैं. 


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