Russia-Finland Relations: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी है कि इस साल की शुरुआत में उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने के बाद पड़ोसी फिनलैंड के साथ ‘समस्याएं’ होंगी. फ़िनलैंड के नाटो में शामिल होने से उत्तरी यूरोप में सुरक्षा परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव आया और रूस के साथ गठबंधन की सीमा में लगभग 1,300 किलोमीटर (830 मील) का इजाफा हुआ. यह राष्ट्रपति पुतिन के लिए भी एक झटका था, जो लंबे समय से नाटो के विस्तार के खिलाफ चेतावनी देते रहे हैं.


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सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन ने रविवार को प्रकाशित एक इंटरव्यू में कहा, ‘उन्होंने (पश्चिम ने) फ़िनलैंड ले लिया और उसे नाटो में खींच लिया! क्यों, क्या फिनलैंड के साथ हमारा कोई विवाद था?, 20वीं सदी के मध्य में क्षेत्रीय प्रकृति के विवादों सहित सभी विवादों को बहुत पहले ही सुलझा लिया गया है.


कोई समस्या नहीं थी अब होगी
रूसी स्टेट ब्रॉडकास्टर रूस 1 द्वारा लिए गए इस इंटरव्यू में पुतिन ने कहा, ‘कोई समस्या नहीं थी, लेकिन अब होगी, क्योंकि हम अब वहां लेनिनग्राद सैन्य जिला बनाएंगे और निश्चित रूप से वहां सैन्य इकाइयों को केंद्रित करेंगे.’


पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति उन टिप्पणियों को ‘पूरी तरह से बकवास’ कहकर खारिज कर दिया,  जिस बाइडेन ने चेतावनी दी थी कि अगर पुतिन यूक्रेन लेते हैं तो वे ‘चलते रहेंगे’ और आशंका जताई थी कि रूस अंततः नाटो पर पूरी तरह से हमला कर सकता है और अमेरिकी सैनिकों को संघर्ष में खींच सकता है.


रूसी नेता ने कहा कि रूस के पास ‘नाटो देशों के साथ लड़ने का कोई कारण, कोई भू-राजनीतिक,  आर्थिक, राजनीतिक, सैन्य हित नहीं है.’ उन्होंने कहा कि मॉस्को का नाटो देशों में कोई क्षेत्रीय दावा नहीं है.


पुतिन ने कहा, ‘उनके (नाटो देशों) साथ संबंध खराब करने की कोई इच्छा नहीं है, हम संबंध विकसित करने में रुचि रखते हैं.’


अप्रैल में नाटो सदस्य बना था फिनलैंड
बता दें अप्रैल में नाटो में शामिल होने पर फिनलैंड इसका 31वां सदस्य बन गया, जिससे रूस के साथ सुरक्षा गठबंधन की सीधी सीमा दोगुनी हो गई.


पुतिन ने यूक्रेन पर आक्रमण शुरू करने से पहले ही नाटो से इसके विस्तार को सीमित करने की मांग की थी.