Railway ने ‘Ladies and Gentlemen’ के साथ किया यात्रियों का स्वागत, फिर हुआ कुछ ऐसा कि कहना पड़ा Sorry
जब ट्रेन में ‘लेडीज एंड जेंटलमैन, ब्यॉयज एंड गर्ल्स’ कहकर यात्रियों का स्वागत किया गया, तो उसी ट्रेन में मौजूद थर्ड जेंडर वाले यात्रियों को लगा कि रेलवे ने स्वागत में उन्हें शामिल नहीं किया है. यात्री लॉरेंस कोल्स इससे इतने आहत हुए कि उन्होंने ट्वीट करके रेलवे के प्रति अपना गुस्सा जाहिर किया.
लंदन: आपने ‘लेडीज एंड जेंटलमैन’ (Ladies and Gentlemen) संबोधन कई बार सुना और इस्तेमाल भी किया होगा. अक्सर भाषणों से लेकर घोषणाओं तक में इसका इस्तेमाल होता रहता है. लेकिन ब्रिटेन (Britain) में इसके लिए रेलवे को बाकायदा माफी मांगनी पड़ी. दरअसल, लंदन नॉर्थ इस्टर्न रेलवे (LNER) पर एक थर्ड जेंडर वाले यात्री ने अपनी उपेक्षा का आरोप लगाया था, जिसके बाद रेलवे को माफी मांगने को विवश होना पड़ा.
Laurence Coles ने दिया ये तर्क
‘द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, यात्री लॉरेंस कोल्स (Laurence Coles) ने अपनी शिकायत में कहा कि वह ना तो महिला है और ना पुरुष और इसलिए ‘लेडीज एंड जेंटलमेन’ उनके लिए नहीं है. कोल्स ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि रेलवे ने सभी यात्रियों का स्वागत किया, लेकिन उन्हें छोड़ दिया. रेलवे को थर्ड जेंडर वालों का भी ख्याल रखना चाहिए. लॉरेंस कोल्स के शिकायत वाले ट्वीट का कई लोगों ने समर्थन किया.
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स्वागत में नहीं किया शामिल
LNER की एक ट्रेन में ‘लेडीज एंड जेंटलमैन, ब्यॉयज एंड गर्ल्स’ कहकर यात्रियों का स्वागत किया गया, तो उसी ट्रेन में मौजूद थर्ड जेंडर वाले यात्रियों को लगा कि रेलवे ने स्वागत में उन्हें शामिल नहीं किया है. लॉरेंस कोल्स इससे इतने आहत हुए कि उन्होंने ट्वीट करके रेलवे के प्रति अपना गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने लिखा, ‘गुड आफ्टरनून लेडीज एंड जेंटलमैन, ब्यॉयज एंड गर्ल्स, एक नॉन बाइनरी (ना महिला, ना पुरुष) के रूप में यह घोषणा मेरे लिए नहीं है, इसलिए मैं नहीं सुनने वाला’.
Railway ने जारी किया बयान
रेलवे ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया और इसके लिए माफी भी मांगी. रेलवे ने बयान जारी करते हुए कहा, ‘हमें यह देखकर दुख हुआ, हमारे ट्रेन मैनेजर्स को इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. हम इस ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए लॉरेंस कोल्स का धन्यवाद देते हैं. कृपया हमें बताएं आप किस सर्विस का इस्तेमाल करते हैं, हम सुनिश्चित करेंगे कि आगे से हम समावेशी रहें’. रेलवे ने आगे कहा कि हम अपने अपने स्टाफ को इस संबंध में शिक्षित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं कि लिंग आधारित संबोधन क्यों ठीक नहीं है.