Turkish Politics: तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने रविवार को फिर से चुनाव जीत लिया, तुर्की की सुप्रीम इलेक्शन काउंसिल (YSK) के प्रमुख ने रविवार को इसकी घोषणा की.  एर्दोगन अब 2028 तक सत्ता में बने रह सकते हैं.


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तीसरा कार्यकाल  एर्दोगन को ध्रुवीकरण और लोकलुभावन राजनीति मजबूती से करने की ताकत देगा. इस चुनाव परिणाम का असर राजधानी अंकारा से कहीं अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महसूस किया जाएगा. तुर्की यूरोप और एशिया के चौराहे पर खड़ा है और यह नाटो में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.


एर्दोगन को मिले 52% वोट
99% से अधिक मतपेटियों के खुलने पर, प्रतिस्पर्धी समाचार एजेंसियों के अनौपचारिक परिणामों में एर्दोगन को 52% वोट के साथ दिखाया गया, जबकि उनके चैलेंजर केमल किलिकडारोग्लू को 48% वोट मिले.


तुर्की के चुनावी बोर्ड के प्रमुख ने जीत की पुष्टि करते हुए कहा कि बकाया मतों के हिसाब के बाद भी परिणाम  एर्दोगन के पक्ष में ही जाएंगे.


एर्दोगन ने देश को कहा ‘शुक्रिया
जीत के बाद दो भाषणों में - एक इस्तांबुल में और एक अंकारा में -  एर्दोगन ने पांच और वर्षों के लिए राष्ट्रपति पद सौंपने के लिए देश को धन्यवाद दिया.


वहीं एर्दोगन के समर्थकों ने जश्न मनाने के लिए सड़कों पर उतरकर तुर्की या सत्तारूढ़ पार्टी के झंडे लहराए, कार के हॉर्न बजाए. इस्तांबुल के कई इलाकों में जश्न के दौरान गोलियों की आवाज सुनी गई.


एर्दोगन , जो 20 वर्षों से तुर्की की सत्ता पर काबिज  हैं, 14 मई को पहले दौर के चुनाव में जीत से कुछ दूर रह गए. यह पहली बार था जब वह एकमुश्त चुनाव जीतने में असफल रहे, लेकिन उन्होंने रविवार को इसकी भरपाई कर दी.


दुनिया भर के नेताओं ने दी जीत की बधाई
जीत के बाद एर्दोगन को दुनिया भर के नेताओं ने बधाइयां दीं जिनमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोदोमिर जेलेंस्की भी शामिल थे. पुतिन ने अपने बधाई संदेश में कहा कि  एर्दोगन  की जीत ‘स्पष्ट सबूत’ थी कि तुर्की के लोग ‘राज्य की संप्रभुता को मजबूत करने और एक स्वतंत्र विदेश नीति को आगे बढ़ाने’ के उनके प्रयासों का समर्थन करते हैं.