Russell's Viper Snake In Bangladesh: बांग्लादेश के सभी अस्पतालों और हेल्थ सेंटर्स में एंटी-वेनम रखने का आदेश हुआ है. पड़ोसी देश में सांप काटने की घटनाएं बड़ी तेजी से बढ़ी हैं. इन घटनाओं के पीछे सांपों की वह प्रजाति है जिसे 2002 में विलुप्त घोषित कर दिया गया था. उस प्रजाति को दुनिया Russell's viper के नाम से जानती है. Russell's viper को भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे जहरीले सांपों में गिना जाता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

Russell's viper मुख्य रूप से दक्षिण एशिया में मिलता है. बांग्लादेश ने 2002 में इस प्रजाति को 'विलुप्त' घोषित कर दिया था लेकिन अब यह लौट आया है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, सूखे इलाकों में पाया जाने वाले Russell's viper ने खुद को अलग-अलग स्थितियों के हिसाब से ढाल लिया है. अब यह बांग्लादेश के दो दर्जन से ज्यादा जिलों में लोगों को शिकार बना रहा है.


सांप काटने से हर साल 7,000 लोगों की मौत


हाल के दिनों में, बांग्लादेश के भीतर सांप काटने से मौतों की घटनाएं काफी तेजी से बढ़ी हैं. सोशल मीडिया पर भी सांप काटने की घटनाओं की चर्चा हो रही है. ग्रामीण इलाकों में सांपों खासतौर से Russell's viper के काटने के खूब मामले सामने आ रहे हैं. बीबीसी की एक रिपोर्ट में 2023 की एक स्टडी का हवाला दिया गया है जिसके मुताबिक, बांग्लादेश में हर साल लगभग 7,000 लोग सांप के काटने से मरते हैं.


अगर एंटी-वेनम मिल जाए तो अधिकतर लोगों की जान बच सकती है. चूंकि Russell's viper को चूहे खाना बहुत पसंद है इसलिए यह अक्सर इंसानी बस्तियों के आसपास पाया जाता है. फसल काटने के सीजन में खेतों में इसका प्रकोप बढ़ जाता है. बांग्लादेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सामंत लाल सेन ने जनता से सांप के काटने वाले पीड़ितों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने की अपील की है.


यह भी देखें: ये हैं भारत के 10 सबसे खतरनाक जहरीले सांप, इनके एक बूंद जहर से जा सकती है जान


Russell's Viper: इलाज मिलने से बच सकती है जान


Russell's Viper की गिनती भारत के चार प्रमुख जहरीले सांपों में होती है. सांप काटने के सबसे ज्यादा मामले रसेल वाइपर, करैत, नाग और सॉ-स्केल्ड वाइपर के आते हैं. रसेल वाइपर एक बार काटने पर ही इतना जहर फेंक देता है कि इंसान की मौत हो जाए. Russell's Viper के काटने का प्रमुख लक्षण मसूड़ों और पेशाब में खून आना है. अगर जल्द से जल्द इलाज न मिले तो काटने के 1 से 14 दिन बाद या कभी-कभी बाद में भी सेप्टीसीमिया या गुर्दे, रेस्पिरेटरी या कार्डियक फेल्योर से मृत्यु हो सकती है.