Russia Nuclear War: यूक्रेन और रूस के युद्ध को दो साल से भी ज्यादा का वक्त हो चुका है. दो दिन पहले यानी शनिवार को सीएनएन की एक खबर आई थी, जिसमें दावा किया गया था कि साल 2022 में रूस यूक्रेन पर परमाणु हमले की तैयारी कर रहा था. इसके बाद अमेरिका भी अपनी रणनीति बनाने में जुट गया था. 


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अब रूस ने सोमवार को सीएनएन की इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.  क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, इस तरह की अटकलें कई अखबारों में छपी हैं. मुझे नहीं लगता कि यह किसी तरह की टिप्पणी के लायक है.


सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन इस बात को लेकर चिंता में था कि रूस यूक्रेन के खिलाफ परमाणु बम का इस्तेमाल कर सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसियों  को यह जानकारी मिली थी, जिसमें कुछ रूसी अधिकारियों की बातचीत थी, जो 2022 में परमाणु हमले को लेकर बात कर रहे थे.


इसके अलावा परमाणु हमला टलवाने में पीएम मोदी की भूमिका की भी काफी चर्चा है. जिस वक्त पुतिन यूक्रेन पर बम बरसाने को लेकर आदेश दे रहे थे, तब पीएम मोदी ने कहा  था कि ये युद्ध का समय नहीं है.


पुतिन की इन धमकियों से यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की भी भयभीत हो गए थे, दुनिया के अलग-अलग मंचों से जेलेंस्की के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. उन्हें महसूस हो गया था कि यूक्रेन कहीं परमाणु हमले से तबाह ना हो जाए.


लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया में एक ऐसे विनाश को रोकने में सफलता पाई. जिसकी दुनिया आज चर्चा कर रही है. दरअसल रूस और यूक्रेन के बीच करीब 25 महीनों से भीषण युद्ध छिड़ा हुआ है.पुतिन की सेना ज़ेलेंस्की के देश पर लगातार आक्रमण कर रही है. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के कहने पर पुतिन ने विनाशकारी परमाणु हमला रोक दिया. 


राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन को परमाणु हमले की धमकी देते आए हैं.. यहां तक कि 2022 में यूक्रेन पर परमाणु हमले का मन भी बना लिया था. यानी दुनिया जापान के हिरोशिमा-नागासाकी जैसा एक ओर परमाणु हमला देखता. लेकिन पीएम मोदी ने ऐसा विनाश होने से रोक दिया. पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की वो मुलाकात और पीएम मोदी की ये सलाह अच्छे से याद होगी जब पीएम मोदी पुतिन को समझा रहे थे कि युद्ध किसी भी हाल में ठीक नहीं है.ये मुलाकात 16 दिसंबर 2022 को पीम मोदी के जन्मदिन से एक दिन पहले उज्बेकिस्तान में हुई थी. 


तब उन्होंने कहा था, 'मैं जानता हूं कि आज का युग युद्ध का है नहीं और हमने फोन पर भी इस विषय में बात की है कि डेमोक्रेसी, डिप्लोमेसी और डायलॉग ये सारी बातें ऐसी है कि ये दुनिया को स्पष्ट करती हैं आने वाले दिनों में शांति के रास्ते पर हम कैसे बढ़ सकें उसके बारे में ज़रूर हमें चर्चा करने का मौका मिलेगा. आपका व्यू प्वाइंट समझने का मुझे भी मौका मिलेगा.'