Russia-Japan Relations: रूस (Russia) ने अपने पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक (Vladivostok) में पदस्थ एक जापानी राजनयिक (Japanese Diplomat) को ‘‘संवेदनशील’’ जानकारी प्राप्त करने की कोशिश के आरोप में हिरासत में लिया है. रूसी समाचार एजेंसियों ने यह जानकारी दी.


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वहीं, जापान ने जासूसी के आरोपों में जापानी वाणिज्य दूतावास (Japanese Consulate) के एक अधिकारी को हिरासत में लेने के आरोपों को खारिज करते हुए रूसी अधिकारियों पर ‘‘अपमानजनक’’ तरीके से पूछताछ करने का आरोप लगाया और रूस से मामले में माफी की मांग की.


'जापान के एक राजनयिक को रंगे हाथों पकड़ा'
रूस की एजेंसियों ने ‘एफएसबी’ के हवाले से एक खबर में कहा था, ‘‘ पैसे लेकर संवेदनशील जानकारी लेते हुए जापान के एक राजनयिक को रंगे हाथों पकड़ा गया है. वह रूस के बारे में ऐसी जानकारी हासिल कर रहा था, जिसे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में किसी अन्य देश के साथ साझा करने पर रोक है.’’


समाचार एजेंसियों के अनुसार, रूस की संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) ने आरोप लगाया कि व्लादिवोस्तोक में पदस्थ वाणिज्य दूत मोतोकी तत्सुनोरी ने ‘‘पश्चिमी प्रतिबंधों के प्रभाव’’ से जुड़ी जानकारी भी हासिल करने की कोशिश की.


वहीं, जापान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि एक अधिकारी को 22 सितंबर को हिरासत में लिया गया था और उसकी आंखों पर पट्टी बांधकर पूछताछ की गई थी, उनके साथ बदसलूकी की गई और हम इसका विरोध करते हुए माफी की मांग करते हैं.


रूस के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को मॉस्को में जापान के दूतावास को सूचना दी थी कि अधिकारी को ‘‘अवांछित व्यक्ति’’ घोषित किया गया है और गरैकानूनी जासूसी गतिविधियों में लिप्त होने के चलते उसे 48 घंटे में देश छोड़ने को कहा गया है.


'रूस द्वारा की गई कार्रवाई पूरी तरह से आधारहीन'
जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव हिरोकाज़ु मात्सुनो ने पत्रकारों से कहा कि रूस द्वारा की गई कार्रवाई पूरी तरह से आधारहीन है. मात्सुनो ने बताया कि जापान के उप विदेश मंत्री ताकियो मोरी ने रूसी राजदूत को तलब कर इस घटना पर कड़ा विरोध व्यक्त किया है. उन्होंने रूस की सरकार से घटना पर औपचारिक माफी और ऐसी घटना दोबारा ना हो इसके लिए कदम उठाने की मांग की है.


गौरतलब है कि रूस के 24 फरवरी को यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई शुरू करने के खिलाफ जापान के रूस पर प्रतिबंध लगाने के बाद से उसने कई बार जापान को एक ‘‘शत्रु’’ देश बताया है. अमेरिका, यूरोपीय संघ के देशों और उनके पश्चिमी सहयोगियों को भी रूस यही कहता है.



(इनपुट - भाषा)


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