रूसी कमांडर ने लोगों से ब्लड डोनेट करने की अपील, क्या यूक्रेनी सैनिक चूस रहे खून?
Russia War: दोनों तरफ से अपने-अपने दावे किए गए हैं. यूक्रेन की तरफ से कहा गया है कि इस युद्ध के दौरान पहली बार ऐसा हुआ जब यूक्रेन की सेना रूसी सीमा क्षेत्र में घुस गई है. उधर दूसरी तरफ रूस ने यूक्रेन के 100 सैनिकों को मार गिराने का दावा किया है.
Ukrain-Russia War: रूस के कुर्स्क सीमावर्ती क्षेत्र के प्रमुख ने यूक्रेन के लड़ाकों द्वारा आकस्मिक हमलों की अस्पष्ट खबरों के बीच बुधवार को लोगों से रक्तदान करने की अपील की. कुर्स्क के कार्यवाहक गवर्नर एलेक्सी स्मीरनोव ने टेलीग्राम पर कहा कि लड़ाई के कारण रक्त बैंकों में खून की जरूरत बढ़ती जा रही है. स्मीरनोव ने लिखा पिछले 24 घंटे से हमारा क्षेत्र यूक्रेनी लड़ाकों के हमलों का डटकर मुकाबला कर रहा है.’’ उन्होंने कहा कि सभी आपातसेवाओं को ‘हाईअलर्ट’ पर रखा गया है.
आपातसेवाओं को ‘हाईअलर्ट’ पर रखा
असल में रूसी रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा था कि 11 टैंकों और 20 से अधिक बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों के साथ 300 यूक्रेनी सैनिक रूस में प्रवेश कर चुके हैं. उसने कहा कि यूक्रेन के सैन्यबल को भारी नुकसान हुआ है. इसके अलावा उसने बुधवार को और कुछ नहीं कहा. वैसे ऐसा कोई स्वतंत्र सबूत नहीं है जो दर्शाये कि यूक्रेनी सैनिकों ने हमला किया है. कीव के अधिकारियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.
अपने-अपने दावे किए गए
दोनों तरफ से अपने-अपने दावे किए गए हैं. यूक्रेन की तरफ से कहा गया है कि इस युद्ध के दौरान पहली बार ऐसा हुआ जब यूक्रेन की सेना रूसी सीमा क्षेत्र में घुस गई है. बताया गया कि रूस की राजधानी मॉस्को से महज 500 किलोमीटर की दूरी पर दोनों देशों की सेनाओं में 36 घंटे से भीषण युद्ध चल रहा है. उधर दूसरी तरफ रूस ने यूक्रेन के 100 सैनिकों को मार गिराने का दावा किया है. रूसी समाचार एजेंसियों ने खबर दी है कि रूसी सेना प्रमुख वालेरी गेरासिमोव ने वीडियो लिंक के माध्यम से बैठक में हिस्सा लेते हुए पुतिन से यह बात कही है.
रूस की तरफ से यह भी कहा गया कि इस लड़ाई में करीब 100 यूक्रेनी सैनिक मारे गये हैं तथा 200 से अधिक घायल हुए हैं. रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाकारोवा ने एक बयान में कहा कि यूक्रेनी गोलाबारी में दो लोगों -- एक अर्धचिकित्साकर्मी एवं एक एंबुलेंस चालक-- की मौत हो गयी. वैसे रूसी दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि करना संभव नहीं है. यह युद्ध का यह तीसरा साल है, उसमें दुष्प्रचार और मिथ्याप्रचार ने केंद्रीय भूमिका निभाई है. agency input