Macron trusts Xi to end Ukraine war: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों अपनी तीन दिन की चीन यात्रा के बाद स्वदेश लौट गए हैं. अपनी अधिकारिक यात्रा से पहले चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से यूक्रेन में चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस से बात करने के लिए कहा है. आपको बताते चलें कि यूक्रेन में चल रही जंग को खत्म कराने की उम्मीदों के साथ मैक्रों चीन की अपनी राजकीय यात्रा पर बुधवार को बीजिंग पहुंचे थे. आपको बताते चलें कि बदले वैश्विक हालातों और यूरोप की चिंताओं के बीच मैक्रो के एजेंडे में यूक्रेन सबसे ऊपर था. हालांकि मैक्रों की यात्रा की एक मजबूत आर्थिक भागादारी भी है, क्योंकि इस अधिकारिक यात्रा में करीब 50 बड़े कारोबारी भी उनके साथ चीन पहुंचे थे. जहां दोनों देशों के बीच अरबों रुपये का समझौता होने की उम्मीद की जा रही थी. मैक्रों के साथ यूरोपीयन यूनियन की हेड उर्सुला वॉन डेर लेयेन भी आई थीं. 


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मैक्रों का बड़ा बयान


बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक मैक्रों और शी ने बंद कमरे में बातचीत की, जिसे दोनों देशों के अधिकारियों ने स्पष्ट और दोस्ताना बताया. बाद में, दोनों राष्ट्रपतियों ने संयुक्त रूप से बीजिंग में ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल में मीडिया को संबोधित किया. अपने शुरूआती बयान में, मैक्रों ने शी से कहा, 'मुझे पता है कि मैं रूस को युद्ध से रोकने के लिए आप पर भरोसा कर सकता हूं, और आप सभी को बातचीत के लिए एक साथ वापस ला सकते हैं. हमें आपसे उम्मीदे हैं, क्योंकि रूस ने हमारे यूरोप में दशकों से चली आ रही शांति को खत्म कर दिया है, ऐसे में अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमन की खोज चीन के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी कि ये फ्रांस और पूरे यूरोप के लिए है. जब तक यूक्रेन पर रूस का कब्जा होगा तब तक हमारे पास एक सुरक्षित और स्थिर यूरोप नहीं हो सकता. इस तथ्य से चीन भी नहीं इंकार कर सकता है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के एक सदस्य ने चार्टर का उल्लंघन किया है.


शी जिनपिंग का  बयान


सीबीएस चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक मैक्रों ने यूक्रेन पर हो रहे हमलों को रोकने और फौरन स्थाई शांति के लिए जंग को जल्द से जल्द खत्म कराने के लिए शी जिनपिंग को बड़ी भूमिका निभाने की गुजारिश की है. वहीं मैक्रों की इस यात्रा के दौरान जिनपिंग ने अपनी ओर से यूक्रेन मुद्दे पर उनके देश का रुख साफ करते हुए दो टूक बात की है. उन्होंने ये भी कहा फिलहाल संकट को कम करने के लिए कोई रामबाण उपाय नहीं है. शी ने कहा कि इसके लिए सभी पक्षों को काम करने की जरूरत है, युद्धविराम और शांति वार्ता के लिए भरोसे के निर्माण के लिए हालात बनाने की आवश्यकता है और कहा कि चीन संकट के राजनीतिक समाधान में अपनी भूमिका निभाने में यूरोप का समर्थन करता है.


शुरू होगी शांति वार्ता?


उन्होंने यह भी कहा कि शांति वार्ता जल्द से जल्द फिर से शुरू होनी चाहिए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तर्कसंगत बने रहने, संयम बरतने और ऐसी कार्रवाई करने से बचने का आग्रह किया जिससे संकट और बिगड़ सकता है या नियंत्रण से बाहर हो सकता है. चीनी नेता ने दोहराया कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए और परमाणु युद्ध नहीं लड़ना चाहिए, साथ ही किसी भी परिस्थिति में जैविक हथियारों के इस्तेमाल का विरोध किया. अब देखना होगा कि फ्रांस के राष्ट्रपति के बयान के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन क्या फैसला लेते हैं.


जेंलेस्की को भी चीन से आस


गौरतलब है कि फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से, चीन ने तटस्थता का दावा किया है और खुद को शांति दूत के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया है. चीन ने खुद का पीस प्लान भी जारी किया है, जिसे पश्चिमी देश आमतौर पर यह कहते हुए खारिज कर देते हैं कि ये रूस की ओर झुका हुआ है. लेकिन यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने इसमें रुचि व्यक्त की है और शी के साथ सीधी बातचीत का आह्वान किया है, जिन्होंने अभी तक सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया नहीं दी है. मैक्रों की यात्रा राजनीतिक और कूटनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है.


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