रूस और अमेरिका में कोल्ड वॉर की नौबत! व्हाइट हाउस ने कहा, बद से बदतर हो रहे हैं रिश्ते
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा, ‘‘अमेरिकी राजनयिकों को निष्कासित करने की रूस की आज (30 मार्च) की कार्रवाई इस बात का संकेत देती है कि अमेरिका- रूस संबंध और बदतर हो रहे हैं.’’
वॉशिंगटन: अमेरिका में व्हाइट हाउस ने शुक्रवार (30 मार्च) को कहा कि उसके 60 राजनयिकों को निष्कासित करने और सेंट पीटर्सबर्ग में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश देने का रूस का फैसला इस बात का संकेत है कि द्विपक्षीय संबंध और बिगड़ रहे हैं. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा, ‘‘अमेरिकी राजनयिकों को निष्कासित करने की रूस की आज (30 मार्च) की कार्रवाई इस बात का संकेत देती है कि अमेरिका- रूस संबंध और बदतर हो रहे हैं.’’
गौरतलब है कि रूस ने बदले की कार्रवाई करते हुए अमेरिका के 60 राजनयिकों को सात दिन के भीतर देश छोड़ने और 48 घंटों के भीतर सेंट पीटर्सबर्ग वाणिज्य दूतावास को बंद करने के लिए कहा है. सैंडर्स ने कहा, ‘‘अमेरिका और 24 से अधिक देशों तथा नाटो सहयोगियों द्वारा इस सप्ताह रूस के अघोषित खुफिया अधिकारियों को निष्कासित करना ब्रिटेन की सरजमीं पर रूस के हमला का उचित जवाब था.’’
रूस का US पर पलटवार, अमेरिका के 60 राजनयिकों देश से बाहर कर बंद करेगा दूतावास
रूस की कार्रवाई से निपट लेगा अमेरिका
इससे पहले ट्रंप प्रशासन ने रूस के 60 राजनयिकों को निष्कासित करने और सीएटल में देश का महावाणिज्य दूतावास बंद करने का आदेश दिया था. सैंडर्स ने कहा कि रूस की प्रतिक्रिया ‘‘अप्रत्याशित नहीं’’ है और अमेरिका इससे ‘‘निपट’’ लेगा. अमेरिका के विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘रूस की प्रतिक्रिया को तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता. हमारी कार्रवाई ब्रिटेन, ब्रिटिश नागरिक (पूर्व जासूस) और उनकी बेटी पर हमले की प्रतिक्रिया थी. याद रखे कि यह पहली बार है जब नर्व एजेंट नोविचोक का युद्ध से इतर मित्र देशों की सरजमीं पर इस्तेमाल किया गया.’’
रूस बात करने का इच्छुक नहीं
उन्होंने कहा कि अमेरिकी राजनयिकों को निष्कासित करने का रूस का फैसला यह दिखाता है कि वह महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत करने का इच्छुक नहीं है. उन्होंने कहा कि रूसी जासूसों को निष्कासित करने के अमेरिका के फैसले में कई देश शामिल हैं. नोर्ट ने कहा, ‘‘हमने ये कदम अकारण हीं नहीं उठाए. हमने दुनियाभर में हमारे सहयोगियों के साथ मिलकर ये कदम उठाए. अमेरिका के साथ 28 देशों ने 153 रूसी जासूसों को बाहर का रास्ता दिखा दिया.’’