किसी देश पर नहीं पड़ता प्रतिबंधों का असर, हाथी दांत की तरह है महज दिखावा
रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है. ऐसे में अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. हालांकि, उत्तर कोरिया द्वारा किए गए Ballistic Missile परीक्षण के बाद दुनिया को यह अहसास हो गया होगा कि ये प्रतिबंध बस हाथी दांत की तरह होते हैं.
नई दिल्लीः इस समय पूरी दुनिया में रूस पर अमेरिका और पश्चिम देशों द्वारा लगाए गए आर्थिक और दूसरे प्रतिबंधों की चर्चा हो रही है. ये प्रतिबंध केवल हाथी के दिखाने वाले दांत की तरह हैं. उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें तानाशाह किम जॉन्ग उन, Hollywood फिल्मों के किसी हीरो की तरह एक Ballistic Missile को लॉन्च कराते हुए नजर आ रहे हैं. इस वीडियों में उन्होंने काले रंग का चश्मा और काले रंग की ही लेदर जैकेट पहनी हुई है और जैसे ही वो इशारा करते हैं, ठीक उसी समय इस मिसाइल को लॉन्च कर दिया जाता है.
परमाणु कार्यक्रम को लेकर चिंता
अमेरिका उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को लेकर चिंता जता चुका है. कुछ वर्षों पहले ही अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए थे, ताकि वो अपने Ballistic Missiles के परीक्षण को रोक दे. लेकिन उत्तर कोरिया पर इसका असर नहीं पड़ा और पिछले दो महीनों में उसने एक और Ballistic Missiles का सफल परीक्षण किया है. इससे पता चलता है कि अमेरिका और पश्चिमी देशों द्वारा जो प्रतिबंध लगाए जाते हैं, उनका ज्यादा महत्व नहीं होता. वो खोखले होते हैं.
23 देशों पर आर्थिक प्रतिबंध
इस समय अमेरिका द्वारा दुनिया के कुल 23 देशों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए हैं. इन देशों में नॉर्थ कोरिया के अलावा म्यांमार, बेलारूस, क्यूबा, Congo, ईरान, इराक, सीरिया, Venezuela, यमन, लेबनान, Sudan और सोमालिया प्रमुख है.इन प्रतिबंधों का इन देशों पर उतना ही असर पड़ा है, जितना नाइट कर्फ्यू से कोरोना पर पड़ता है.
क्यूबा पर 1958 में प्रतिबंध
क्यूबा पर अमेरिका ने वर्ष 1958 में आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे. और ये आज भी जारी हैं. अमेरिका इन Sanctions के जरिए क्यूबा में Communist शासन को खत्म करना चाहता था, लेकिन उसका मकसद आज तक पूरा नहीं हुआ है और क्यूबा में अब भी Communist सरकार सत्ता में है.
अमेरिका को नहीं मिली कामयाबी
इसी तरह अमेरिका ने ईरान पर इसलिए प्रतिबंध लगाए ताकि उसके परमाणु कार्यक्रमों को रोका जा सके. लेकिन अमेरिका को इस मकसद में भी कामयाबी नहीं मिली और सीरिया से लेकर यमन तक पश्चिमी एशिया के ज्यादातर देशों में आज ईरान का प्रभाव है. उत्तर कोरिया ने तो अमेरिका के इन प्रतिबंधों को पूरी तरह खोखला साबित कर दिया है. इसलिए आज किम जॉन्ग उन की ये तस्वीरें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को काफी चुभ रही होंगी.
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