नई दिल्ली: सऊदी अरब (Saudi Arabia) की सरकार ने मस्जिदों के लाउडस्पीकर की आवाज (Mosque speakers loud volume) को लेकर लगाई पाबंदियों का बचाव किया है. सऊदी हुकूमत का कहना है कि मस्जिदों के लाउडस्पीकर की आवाज कम रखना सही है. वहीं सरकारी फैसले की खिलाफत करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का फरमान जारी किया गया है.


मजहबी मामलों के मंत्री ने किया बचाव


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सऊदी में इस्लामिक मामलों के मंत्री अब्दुल लतीफ अल-शेख ने कहा कि लोगों से लगातार मिल रहीं शिकायतों के बाद ये फैसला किया गया था. उन्होंने कहा कि मस्जिदों के लाउड स्पीकर से आने वाली आवाज वाकई इतनी तेज थी जिस पर अभी तक ध्यान नहीं दिया गया था. फैसले के बचाव में ये भी कहा गया कि जो लोग हुकूमत के फैसले की नाफरमानी कर रहे हैं, वो सऊदी किंगडम के दुश्मन हैं. उन्होंने दावा किया कि ऐसे कुछ तत्व लोगों को भड़ा रहे हैं. 


पिछले हफ्ते आया था ये फरमान


दरअसल इस्लामिक मान्यताओं के हिसाब से सबसे पवित्र मजहबी स्थल वाले देश में ऐसा आदेश जारी होने के बाद कई सवाल खड़े हो रहे थे. पिछले हफ्ते आए सरकारी फरमान में कहा गया था कि मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर की आवाज, उनकी 'मैक्सिमम वॉल्यूम के एक तिहाई से ज्यादा' नहीं होनी चाहिए.


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सरकारी टीवी पर दिखाये गए एक बयान में शेख ने कहा था कि जिन लोगों को नमाज पढ़नी है, वो वैसे भी अजान (इमाम की अपील) का इंतजार नहीं करते. उसी दौरान ये भी कहा गया कि लाउड स्पीकरों का इस्तेमाल सीमित होना चाहिए.


ये भी कहा गया कि सभी को पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद की हिदायतों पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि 'हर इंसान चुपचाप अपने रब को पुकार रहा है. इसलिए किसी दूसरे को परेशान नहीं करना चाहिए और ना ही पाठ में या इबादत में दूसरे की आवाज पर आवाज उठानी चाहिए.'


सोशल मीडिया पर नाराजगी


पाबंदियों का ऐलान करते समय मजहबी मामलों के मंत्री ने कहा था कि उन्हें ऐसी भी शिकायतें मिलीं जिनमें कुछ बड़ी हस्तियों और जिम्मेदार लोगों ने लिखा कि लाउडस्पीकर की तेज आवाज से उनके बच्चों की नींद खराब होती है. इसके बाद से ही सऊदी अरब के कट्टरपंथी लोग इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर इस फैसले के खिलाफ मुहिम चलाई जा रही है.


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ऐसे लोगों का कहना है कि रेस्त्रां, कैफ़े और बाजारों में तेज आवाज से बजने वाले स्पीकरों पर भी पाबंदी लगनी चाहिए. सोशल मीडिया पर फैसले के विरोध में कई हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं.




(फाइल फोटो)


गौरतलब है कि सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान सऊदी अरब को एक उदार मुल्क बनाने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ समय पहले सऊदी में महिलाओं के कार चलाने पर से पाबंदी हटाई गई थी. वो अपने मुल्क की इकॉनमी को क्रूड के अलावा कई अन्य सेक्टरों में शिफ्ट करना चाहते हैं.


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