नई दिल्लीः इस वक्त दुनियाभर के लोग कोविड-19 (Covid-19) का प्रकोप झेल रहे हैं. करोड़ों लोग वैक्सीन (Corona Vaccine) का इंतजार कर रहे हैं. इसी बीच वैज्ञानिकों ने CRISPR आधारित कोविड-19 जांच के लिए एक नई तकनीक विकसित की है, जिसमें स्मार्टफोन कैमरा (Smartphone Camera) का इस्तेमाल करते 30 मिनट से भी कम समय में सही रिजल्ट मिल जाता है. जनरल सेल में प्रकाशित शोध के मुताबिक नई जांच से न केवल कोरोना पॉजिटिव या निगेटिव का रिजल्ट मालूम किया जा सकता है बल्कि इसमें वायरस लोड (Concentration of Virus) के सैंपल की भी जांच की जाती है. 


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CRISPR आधारित है नई कोविड-19 जांच
इस नई तकनीक में CRISPR का इस्तेमाल कर सीधे वायरल आरएनए का पता लगाया जाता है. अमेरिका के ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट की वरिष्ठ शोधकर्ता जेनिफर डाउडना ने कहा, 'हम CRISPR बेस्ड टेस्ट को लेकर इसलिए एक्साइटेड हैं क्योंकि यह जरूरत के समय जल्द एवं सही रिजल्ट देता है.'


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इन स्थानों पर कारगर है ये जांच
डाउडना ने कहा, ‘यह विशेष रूप से उन स्थानों पर ज्यादा उपयोगी हैं जहां जांच की सीमित पहुंच हो या जब बार-बार तेजी से जांच की जरूरत पड़े. यह कोविड-19 को लेकर आ रही कई बाधाओं को दूर कर सकता है.’ मालूम को कि डाउडना (Jennifer Doudna) को सीआरआईएसपीआर-सीएएस जीनोम एडिटिंग (CRISPR-Cas genome editing) के लिए 2020 में रसायनशास्त्र का नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) मिला है. अध्य्यन में पता चला है कि नए उपकरण ने पांच मिनट के अंदर पॉजिटिव नमूनों का सही-सही पता लगा लिया है. 


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शोधकर्ताओं के मुताबिक माइक्रोस्कोप की तरह काम करने वाला स्मार्टफोन कैमरा एक रोशनी के जरिए पता लगाकर यह मालूम कर लेता है कि टेस्ट पॉजिटिव है या निगेटिव. डूडना ने कहा कि अगर तकनीक को विभिन्न प्रकार के मोबाइल फोन के अनुकूल बनाया जाता है तो यह तकनीक आसानी से सुलभ हो सकती है.