Bangladesh Protest: पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हालात बेहद खराब हैं. वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना का तख्तापलट हो चुका है. जनता पूरी तरह बगावत पर उतर आई है. अब खबरें हैं कि वहां हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है. बांग्लादेश के हालात पर अब पश्चिम बंगाल के विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने आने वाले खतरे के प्रति आगाह किया है. उन्होंने कहा है कि आने वाले वक्त में बांग्लादेश से 1 करोड़ हिंदू शरणार्थी पश्चिम बंगाल में आने वाले हैं. इसके लिए आप तैयार रहें. 


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सुवेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार हो रहा है. रंगपुर में नगर परिषद के पार्षद हरधन नायक की हत्या कर दी गई. सिराजगंज के थाने में 13 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई. इनमें 9 हिंदू हैं. वहीं, नोआखली में हिंदुओं के घर जला दिए गए. मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल से यही कहूंगा कि वे तुरंत इस मामले को लेकर भारत सरकार से बात करें. 


सुवेंदु अधिकारी ने CAA का जिक्र करते हुए कहा कि सीएए में स्पष्ट है कि अगर किसी को धार्मिक उत्पीड़न के कारण पीटा जाता है, तो हमारा देश आगे आकर इन मामलों को देखेगा. मैं आपको बता रहा हूं कि अगर तीन दिनों के भीतर इस स्थिति पर काबू नहीं पाया गया तो बांग्लादेश जमात और कट्टरपंथियों के हाथों में जा रहा है. 


सड़कों पर जनता, चारों तरफ हाहाकार...वो चेहरे जो शेख हसीना के बाद तय करेंगे बांग्लादेश का भविष्य


आर्मी चीफ ने इस्तीफे की जानकारी दी


इससे पहले बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमां ने शेख हसीना के देश छोड़ने के फौरन बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और उसमें कहा कि शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया है. अब अंतरिम सरकार कार्यभार संभालेगी. हसीना के देश छोड़कर चले जाने की खबरों के बीच सेना प्रमुख ने कहा कि मैं (देश की) सारी जिम्मेदारी ले रहा हूं. कृपया सहयोग करें. 


अचानक नहीं हुआ बांग्लादेश में तख्तापलट, छात्रों के विरोध की ये है Inside Story


पांचवीं बार बनी थीं प्रधानमंत्री


बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबर रहमान की 76 वर्षीय बेटी हसीना 2009 से बांग्लादेश की बागडोर संभाल रही थीं. उन्हें जनवरी में हुए 12वें आम चुनाव में लगातार चौथी बार और कुल पांचवीं बार प्रधानमंत्री चुना गया था. पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उसके सहयोगियों ने चुनाव का बहिष्कार किया था. पिछले दो दिनों में हसीना सरकार के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं. 


आरक्षण सिस्टम का विरोध कर रहे हैं छात्र


देश में आरक्षण सिस्टम के खिलाफ उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसके तहत 1971 के मुक्ति संग्राम में लड़ने वालों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित हैं. देश भर में बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच सेना प्रमुख ने कहा कि उन्होंने सेना और पुलिस दोनों से गोली न चलाने को कहा है.  जमां ने प्रदर्शनकारियों से संयम बरतने और हिंसा बंद करने का आग्रह किया है. सेना प्रमुख की घोषणा के तुरंत बाद, सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए और हसीना के निष्कासन का जश्न मनाने लगे. 


शेख मुजीबुरर्हमान की प्रतिमा का चला दिया बुलडोजर


इससे पहले सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के सरकारी आवास गणभवन में घुस गए. फुटेज में प्रदर्शनकारियों को हसीना के सरकारी आवास में लूटपाट करते दिखाया गया और उनमें से कुछ को गणभवन आवास से कुर्सियां और सोफा ले जाते हुए देखा गया. स्थानीय मीडिया की खबर के अनुसार, राजधानी के 3/ए धानमंडी स्थित हसीना के पार्टी कार्यालय को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया.  गृह मंत्री असदुज्जमां खान के घर में प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की. प्रदर्शनकारियों ने हसीना के पिता मुजीबुर रहमान की प्रतिमा को भी तोड़ दिया. उसे बुलडोजर से रौंद दिया गया.