सीरिया युद्ध के बीच अरब देशों का शिखर सम्मेलन, ईरान के मुद्दे पर भी होगी नजर
सीरिया में पूर्वी घोउटा में पिछले सप्ताह शासन के रासायनिक हमलों के जवाब में अमेरिका, फ्रांस एवं ब्रिटेन के विवादास्पद हवाई हमले शुरू किए जाने के करीब 24 घंटे बाद यह शिखर सम्मेलन शुरू हुआ.
दहरान: सीरिया को लेकर अंतरराष्ट्रीय शक्तियों के टकराव और सऊदी अरब एवं ईरान के मध्य बढ़ते तनावों के बीच रविवार (15 अप्रैल) को सऊदी अरब में एक शिखर सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है. हालांकि इसमें सीरिया के राष्ट्रपति सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल - असद शामिल नहीं होंगे. अरब लीग के इस वार्षिक सम्मेलन में सऊदी अरब अपने क्षेत्रीय धुर विरोधी ईरान के खिलाफ सख्त रुख अपनाने पर जोर दे रहा है. दोनों धुर विरोधी देश सऊदी अरब एवं ईरान, सीरिया तथा सऊदी अरब के दक्षिण पड़ोसी देश यमन में छद्म युद्धों में उलझे रहे.
सीरिया में विद्रोहियों के गढ़ माने जाने वाले पूर्वी घोउटा में पिछले सप्ताह शासन के रासायनिक हमलों के जवाब में अमेरिका, फ्रांस एवं ब्रिटेन के विवादास्पद हवाई हमले शुरू किए जाने के करीब 24 घंटे बाद यह शिखर सम्मेलन शुरू हुआ. सऊदी अरब और कतर ने इन हमलों का समर्थन किया है, जबकि दोनों देशों में कई महीनों से राजनयिक गतिरोध बना हुआ है. सऊदी अरब कतर पर इस्लामी चरमपंथियों का समर्थन करने और ईरान से निकटता का आरोप लगाता रहा है.
वर्ष 1945 में अरब लीग के शिखर सम्मेलन की शुरुआत हुई थी. वर्ष 2011 में युद्ध में असद शासन की भूमिका को लेकर इस संगठन से सीरिया की सदस्यता निलंबित कर दी गयी थी. सीरिया अब भी इस संगठन से निलंबित है. सऊदी अरब के शाह सलमान दहरान शहर आयोजित हो रहे शिखर सम्मेलन की अगुवाई करेंगे.
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के साथ संयुक्त कार्रवाई कर सीरिया पर मिसाइल हमला किया था. सीरिया के पूर्वी गोता के डौमा में हाल में कथित रूप से सीरिया द्वारा रसायनिक हथियारों के इस्तेमाल को लेकर अमेरिका ने पहले ही असद सरकार को चेतावनी दी थी. इस हमले में बच्चों सहित 75 लोग मारे गए थे.
सीरिया के खिलाफ अमेरिकी सैन्य कार्रवाई का सऊदी अरब ने किया समर्थन
सऊदी अरब ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से सीरिया में सैन्य कार्रवाई को अपना पूरा समर्थन दिया है. सऊदी प्रेस एजेंसी (एसपीए) ने आधिकारिक स्रोत के हवाले से कहा कि सीरिया सरकार द्वारा महिलाओं और बच्चों समेत बेगुनाह नागरिकों पर रसायनिक हथियार किए जाने की प्रतिक्रिया में उसपर सैन्य कार्रवाई की गई.
एजेंसी ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित ऐसे हथियार का इस्तेमाल सीरिया की सरकार द्वारा वहां के लोगों पर वर्षो से किया जा रहा है." एजेंसी ने आगे कहा कि सऊदी के विदेश मंत्रालय ने सीरिया में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की सैन्य कार्रवाई को 'किंगडम का पूरा समर्थन' जाहिर किया है.
सीरिया ने फिर रसायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया तो नतीजे भुगतने होंगे: निक्की हेली
वहीं दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने रविवार (15 अप्रैल) को कहा कि अगर सीरिया फिर से रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करता है तो अमेरिका प्रतिक्रिया के लिए पूरी तरह तैयार है. अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने सीरिया में रासायनिक हथियारों के ठिकानों को निशाना बनाकर हमले किए हैं. यह कार्रवाई पिछले सप्ताह डौमा शहर में संदिग्ध रासायनिक हमले की प्रतिक्रिया में की गई है.
हेली ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लक्ष्मण रेखा खींच दी है और अमेरिका सीरिया पर दबाव बनाए रखेगा. उन्होंने कहा, ‘‘कल (शनिवार, 14 अप्रैल) की सैन्य कार्रवाई से हमारा संदेश पूरी तरह स्पष्ट है. अमेरिका असद शासन को रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल नहीं करने देगा.’’ हेली ने आरोप लगाया कि सुरक्षा परिषद और रूस रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करने वालों को जवाबदेह ठहराने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहे हैं.
(इनपुट एजेंसी से भी)