Most unhealthiest countries of world: पांचों उंगलियां बराबर नहीं होती है. ये मिसाल इस दुनिया पर भी लागू होती है, जहां सैकड़ों देश हैं. इनमें से कुछ को संयुक्त राष्ट्र (UN) से मान्यता मिली है तो कुछ को नहीं मिली है. कुछ रईस और ताकतवर देश हैं तो कई देशों की गिनती थर्ड वर्ल्ड यानी गरीब देशों में होती है. लेकिन यहां गिनती उन देशों की जो अविकसित होने के साथ अनहेल्दी भी हैं.


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विकसित देशों के बारे में सुना होगा, अब अनहेल्दी देशों के बारे में जानिए


दुनिया में विज्ञान के चमत्कार और तकनीक के विकास का लाभ रईस और विकसित देशों में रहने वालों को पहले मिलता है. कोरोना महामारी के दौरान भारत और अमेरिका समेत कई देशों ने समय रहते वैक्सीन बनाकर अपने नागरिकों को बचा लिया पर गरीब और अनहेल्दी देशों के करोड़ों लोगों को अभीतक कोरोना वैक्सीन की पहली डोज भी नहीं लग सकी है.


याहू फाइनेंस वेबसाइट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक अनहेल्दी कैटेगिरी में वो देश भी आते हैं जहां बड़े पैमाने पर लोगों का मानसिक स्वास्थ भी अच्छा नहीं होता. शारीरिक बीमारियों से इतर मोटापा ज्यादा होता है. शराब लोग ज्यादा पीते हैं और जमकर स्मोकिंग यानी धूम्रपान किया जाता है. वहीं इन देशों की सरकारें स्वास्थ्य सेवाओं और लोगों की देखभाल पर पर्याप्त बजट नहीं खर्च करती हैं, इस वजह से कम उम्र में ही लोग मौत के शिकार हो जाते हैं.


दुनिया के पांच अनहेल्दी देश


दुनिया भर में नाइजीरिया सबसे अनहेल्दी देशों में से एक है. जहां सबसे अधिक मातृ मृत्यु दर है. इस देश शिशु मृत्यु दर भी बहुत ज्यादा है. 2015-2017 के बीच 9.1 प्रतिशत बच्चों की 5 वर्ष होने से पहले ही मौत हो गई. नाइजर अभी भी पांच सबसे घातक बीमारियों से जूझ रहा है. यहां मलेरिया, सांस की बीमारी, बच्चों को बीमारी, मेनिन्जाइटिस और तपेदिक के कारण यहां सबसे ज्यादा मौत हुई थी.


दूसरा नंबर इंडोनेशिया का है जहां हेल्थकेयर इंतजाम सही नहीं है. इसे सबसे ज्यादा धूम्रपान करने वाले देशों में तो टॉप पर जगह मिली है. तीसरे नंबर पर लिथुआनिया है जहां के निवासी अपने खान-पान और धूम्रपान की आदतों के कारण बीमार हैं. यहां 27% आबादी ओवरवेट यानी अधिक वजनीले हैं. यहां 16 साल की उम्र आते-आते बच्चे शराब पीने लगते हैं वहीं तंबाकू प्रोडक्ट यूज करने के कारण बहुत से लोग काल के गाल में समा जाते हैं.


यहां भी हालत सही नहीं


इस सूची में चौथा नाम हंगरी का है. जहां करीब 26.5 फीसदी आबादी मोटापे का शिकार है. यहां दूसरी सबसे बड़ी बीमारी ब्लड प्रेशर बताई गई है. 5वें नंबर पर स्लोवाकिया है यहां भी अधिकारिक आंकड़े के मुताबिक हाई ब्लड प्रैशर, हाई ब्लड शुगर वाले काफी मरीज पाए जाते हैं. यहां बहुत लोग स्मोकिंग करते हैं. यहां भी स्वास्थ्य सेवा चरमराई रहती है.


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