Titan Submarine Accident News: उत्तर अटलांटिक समुद्र में समाए टाइटैनिक जहाज का मलबा दिखाने के लिए जाते वक्त दुर्घटना का शिकार हुई टाइटन पनडुब्बी के हादसे को मंगलवार को एक वर्ष पूरा हो गया. टाइटन पनडुब्बी को ढूंढ निकालने के लिए पांच दिनों तक चले खोज अभियान ने दुनिया भर का ध्यान अपनी ओर खींचा था. अधिकारियों ने बताया कि पनडुब्बी नष्ट हो गई और उसमें सवार सभी पांच लोगों की मौत हो गयी थी.


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हादसे के बाद कई सवाल उठे थे कि क्या टाइटन का अपरंपरागत डिजाइन या फिर पनडुब्बी के निर्माताओं की तरफ से उद्योग मानकों की स्वतंत्र जांच कराए जाने से इनकार करना ही तो कहीं दुर्घटना की वजह नहीं थी.


कहां तक पहुंची जांच?
यूएस कोस्ट गार्ड ने हादसे के बाद तुरंत एक उच्च-स्तरीय जांच बुलाई लेकिन अधिकारियों ने बताया कि जांच में 12 महीने की समय सीमा से अधिक वक्त लग रहा है और उनके निष्कर्षों पर चर्चा करने के लिए सुनवाई कम से कम अगले दो महीनों तक नहीं होगी.


समुद्र के राज खोजने का काम जारी 
हालांकि उस हादसे के बाद भी समुद्र के रहस्य खोजने वालों के हौसले बुलंद हैं.  टाइटैनिक पोत के मलबे को बचाने का अधिकार रखने वाली जॉर्जिया की एक कंपनी जुलाई में रिमोट संचालित वाहनों का उपयोग कर, डूबे हुए समुद्री जहाज तक जाने की योजना बना रही है.


वहीं ओहायो के एक रियल एस्टेट कारोबारी और अरबपति ने कहा कि वह 2026 में दो व्यक्तियों वाली पनडुब्बी में जहाज के मलबे तक जाने की योजना बना रहे हैं.


15 अप्रैल 1912 को डूब गया था टाइटैनिक
टाइटैनिक जहाज जब बना था तब इसे दुनिया का सबसे बड़ा यात्री जहाज कहा गया था. यह 10 अप्रैल 1912 को साउथम्पटन से न्यूयॉर्क के लिए अपनी यात्रा के लिए रवाना हुआ था. 15 अप्रैल 1912 की रात को, यह जहाज बर्फ के एक शिलाखंड (आइसबर्ग) से टकरा गया और डूब गया. इस हादसे में 1500 से अधिक लोग मारे गए थे.


(इनपुट - एजेंसी)


(File photo: Reuters)