Taliban Cruelty In Afghanistan: एक ट्रैवल इंफ्लुएंसर को अफगानिस्तान की यात्रा के दौरान तालिबानी लड़ाकों पर "फैंगर्लिंग" करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. अफगानिस्तान में महिला को पत्थर मारकर मौत की सजा दिए जाने और लाखों महिलाओं और लड़कियों को बुनियादी अधिकारों से वंचित किए जाने के बाद तालिबानी शासन की दुनिया भर में लानत-मलानत की जा रही है.


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सोमाली अमेरिकी ट्रैवल इंफ्लुएंसर आब्दी की दुनिया भर में आलोचना


अफगानिस्तानी अखबार 8 एएम मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमाली अमेरिकी इंफ्लुएंसर मैरिएन आब्दी, जिन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर गीन्यादा मैडो के नाम से जाना जाता है दुनिया भर के आलोचकों के निशाने पर हैं. इंस्टाग्राम पर उन्होंने हाल ही में अपनी अफगानिस्तान यात्रा के बारे में जोश के साथ लिखा और तस्वीरें शेयर की. मैरिएन आब्दी ने  इसे "सपना सच होने" जैसा बताया. इसके बाद वह सोशल मीडिया यूजर्स की आलोचनाओं के घेरे में आ गईं.


लगातार 40 वर्षों के युद्ध और उथल-पुथल से उबर रहा अफगानिस्तान


आब्दी ने 13 अगस्त को लिखा, "यह देश 40 वर्षों के युद्ध और उथल-पुथल से उबर रहा है. अगले कुछ दिनों में, मैं अफगानिस्तान में अपने अनुभव साझा करूंगी, जिसमें लोगों, भोजन और समग्र संस्कृति के बारे में कई बातें शामिल है." इसके साथ ही उन्होंने आई लव अफगानिस्तान वाले निशान के सामने अपनी एक तस्वीर भी पोस्ट की थी. आब्दी को अफगान शहरों की अपनी यात्रा की विभिन्न तस्वीरें और वीडियो शेयर करने के लिए भी आलोचना का सामना करना पड़ा.


एके-47 से लैस तालिबानी लड़ाकों के साथ मुस्कुराती दिखीं इंफ्लुएंसर


तस्वीरों में तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान की गंभीर वास्तविकता को उजागर किया गया था, जहां आब्दी अक्सर स्थानीय लोगों के साथ देखी जाने वाली एकमात्र महिला थीं. आब्दी द्वारा माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर एक तस्वीर पोस्ट करने के बाद आलोचना तेज हो गई. तस्वीर में वह एके-47 से लैस तालिबानी लड़ाकों के साथ मुस्कुराते हुए खड़ी थीं. अफगान महिलाओं और कार्यकर्ताओं ने सवाल किया कि क्या आब्दी ने तालिबान में महिलाओं के प्रति उनके बेरहम रवैए, जिसमें महिलाओं पर पथराव करना और उन्हें शिक्षा और रोजगार से रोकना शामिल है का सामना किया था?


अफगान लड़कियां और महिलाएं अपने बुनियादी अधिकारों से वंचित


मानवाधिकार कार्यकर्ता नीलोफर नईमी ने कहा, "ऐसे समय में जब अफगान लड़कियां और महिलाएं अपने बुनियादी अधिकारों से वंचित हैं, गीन्यादा माडो जैसी किसी इंफ्लुएंसर को ऐसे देखना बेहद परेशान करने वाला और अस्वीकार्य है, जो अफगानिस्तान जाकर तालिबान के लिए पैरवी करती है. उन्हें अफगान महिलाओं के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए था." नईमी ने आगे कहा, "यह कार्रवाई उन लाखों अफगान महिलाओं की पीड़ा और दर्द की अनदेखी करती है जो तालिबान के शासन के तहत उत्पीड़न और अत्याचार का सामना करती हैं."


एक अफगान महिला को दी पत्थर मार-मारकर मार डालने की सजा


एक दूसरी सोशल एक्टिविस्ट और महिला आंदोलन की पूर्व नेता निलोफर अय्यूबी ने ट्रैवल इंफ्लुएंसर के असंवेदनशील व्यवहार की निंदा करते हुए एक लेख में लिखा, "एक अफगान महिला को पत्थर मारकर हत्या करने की सजा दी गई है, जबकि मिस मैडो तालिबान के साथ मुस्करा रही थी." अय्यूबी ने आगे लिखा, "हालांकि, उनकी अफगानिस्तान यात्रा और हमारे देश और संस्कृति के बारे में उनके कंटेंट की काफी सराहना की जाती है, लेकिन जिस चीज का स्वागत नहीं किया गया, और जो बेहद डरावना है, वह तालिबान की वह तस्वीर है जो वह दिखा रही है!"


बेहद घबराई आब्दी को बातचीत को रिकॉर्ड करने की इजाजत नहीं


अपने एक यूट्यूब वीडियो में, आब्दी ने तालिबानी लड़ाकों के साथ अपनी बातचीत के बारे में बताते हुए यह कबूल किया कि वह "बेहद घबराई हुई" थी और उन्हें बातचीत को रिकॉर्ड करने की इजाजत नहीं थी. आब्दी ने अपने वीडियो में बताया, "मैं बहुत घबराई हुई थी, मैं भ्रमित थी... सच तो यह है कि वे मुझे उनसे बात करने की इजाजत भी देंगे. मैं हमारी बातचीत रिकॉर्ड नहीं कर सकी क्योंकि उन्होंने मुझे इजाजत नहीं दी और मेरी बैटरी खत्म हो गई. उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं कहां से हूं ? मैंने कहा कि मैं एक विदेशी हूं," मैं सोमाली हूं; वे कहते हैं, ठीक है, क्या आप पश्चिम से हैं? मैंने कहा हां, मैं अमेरिका से हूं. वे कहते हैं, ठीक है, आपका स्वागत है."


तालिबान से अफगान लड़कियों और महिलाओं की शिक्षा पर सवाल


आब्दी ने यह भी दावा किया कि उन्होंने तालिबान से पूछा कि अफगान लड़कियों और महिलाओं को छठी कक्षा से आगे की शिक्षा से वंचित क्यों किया गया और उन्हें मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली, एक लड़ाके ने कहा, "हम एक नया देश हैं... सरकार और चीजें बदल जाएंगी... सब कुछ बदल जाएगा समय लगेगा." एक्स पर तालिबान के साथ अपनी तस्वीर का बचाव करते हुए, आब्दी ने लिखा, "मैंने एक तस्वीर मांगी, और मैंने उनके साथ एक तस्वीर ली. फिर मैंने इसे ट्विटर पर पोस्ट किया और सिर्फ आक्रोश फैल रहा है. लोग पागल हो रहे हैं, [कह रहे हैं] 'शर्म करो'. आप महिलाओं के अधिकारों, महिलाओं की शिक्षा, महिलाओं की नौकरियों के खिलाफ हैं.''


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प्लीज मुझे एक तस्वीर के लिए जज न करें... मैरियन आब्दी की सफाई


मैरियन आब्दी ने कहा, "ऐसा नहीं है. यह तस्वीर सिर्फ यह बताने के लिए थी कि यह मेरा अनुभव है. मैंने यही देखा, उन्होंने मेरे साथ ऐसा व्यवहार किया." उन्होंने कहा, "मैं सभी महिलाओं के अधिकारों के पक्ष में हूं और मुझे यह देखना अच्छा लगेगा एक दिन महिलाएं शिक्षा प्राप्त करेंगी, काम करेंगी और सब कुछ करेंगी. मैं अपने विशेषाधिकारों को समझती हूं, आप भी जानते हैं, लेकिन कृपया हर चीज को संदर्भ से बाहर न लें." उन्होंने लिखा, "मैं अफगानिस्तान की संस्कृति और लोगों के बारे में बहुत सारी खूबसूरत चीजें पोस्ट कर रही हूं. प्लीज मुझे एक तस्वीर के लिए जज न करें."


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महिलाओं के लिए दुनिया की सबसे बदतर जगह बना अफगानिस्तान


दो दशक के काफी खर्चीले युद्ध के बाद साल 2021 में अमेरिका द्वारा अपनी सेना की वापसी पूरी करने के कुछ ही हफ्ते पहले तालिबान ने अफगानिस्तान पर फिर से सशस्त्र कब्जा कर लिया था. सत्ता में लौटने के बाद से, तालिबान ने महिलाओं पर गंभीर प्रतिबंध लगा दिए हैं, उन्हें सार्वजनिक स्थानों, शिक्षा, नौकरियों और अन्य बुनियादी अधिकारों तक पहुंच से वंचित कर दिया है. अधिक उदार शासन के शुरुआती वादों के बावजूद, तालिबान ने कठोर दंड लागू करना जारी रखा है, जिसमें व्यभिचार के लिए महिलाओं को सार्वजनिक रूप से पत्थर मार-मार कर मार देना भी शामिल है.


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