World News in Hindi: यूनाइटेड किंगडम में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को शुक्रवार (29 सितंबर) को स्कॉटलैंड के एक गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोक दिया गया. मीडिया रिपोट्स के मुताबिक कथित खालिस्तान समर्थकों ने दोरईस्वामी को गुरुद्वारे में प्रवेश नहीं करने दिया.


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'मामूली टकराव'
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूके में भारतीय उच्चायुक्त की अल्बर्ट ड्राइव पर ग्लासगो गुरुद्वारा की गुरुद्वारा कमेटी के साथ बैठक तय थी.


टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में खालिस्तान समर्थक एक कार्यकर्ता के हवाले से कहा गया कि 'कुछ लोगों ने उन्हें कहा कि उनका स्वागत नहीं है. इसके बाद वह चले गए. हल्की नोंकझोंक हुई. मुझे नहीं लगता कि जो कुछ हुआ उससे गुरुद्वारा कमेटी बहुत खुश है. लेकिन ब्रिटेन के किसी भी गुरुद्वारे में भारतीय अधिकारियों का स्वागत नहीं है.'


सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे घटना के एक कथित वीडियो में उच्चायुक्त को भोजन परोसने के लिए तैयार टेबल दिखाई देती है. वीडियो में एक शख्स को गुरुद्वारा समिति के सदस्य के साथ तीखी बहस करते हुए सुना जा सकता है. इसके बाद समिति का आदमी कार्यकर्ता का फोन छीनने की असफल कोशिश करता है.


कथित वीडियो में यह भी दिखाया गया है कि दो कार्यकर्ता कार पार्क में उच्चायुक्त की कार के पास जाते हैं और कार का दरवाजा खोलने की कोशिश करते हैं लेकिन वह अंदर से बंद होती है. इसके बाद कार पीछे घुम कर निकल जाती है. इस दौरान गुरुद्वारा प्रबंधन के सदस्य हस्तक्षेप नहीं करते हैं.


ब्रिटेन में भारतीय राजनयिकों को धमकी
जुलाई में, खालिस्तान समर्थक तत्वों द्वारा यूनाइटेड किंगडम में भारतीय राजनयिकों जिनमें (यूके में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी भी शामिल थे) की तस्वीरों के साथ धमकियां जारी की गईं. इसी साल मार्च को ब्रिटेन की राजधानी लंदन में स्थित भारतीय उच्चायोग की बिल्डिंग पर भी हमला किया. यहां खालिस्तान का झंडा लेकर पहुंची भीड़ ने की बिल्डिंग पर भी हमला किया. यहां खालिस्तान का झंडा लेकर पहुंची भीड़ ने उच्चायोग की बिल्डिंग से भारत का झंडा नीचे उतार दिया था और खालिस्तानी झंडा फहराने की कोशिश की थी.  इस घटना के बाद भारत ने ब्रिटेन के सामने भी अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया था.


यह घटना ऐसे समय में हुई है जब भारत और कनाडा खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर आमने सामने हैं. निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में हत्या कर दी गई थी. उसे 2020 में भारत द्वारा आतंकवादी के रूप में नामित किया गया था. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो ने इस हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप लगाया है. निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में हत्या कर दी गई थी. उसे 2020 में भारत द्वारा आतंकवादी के रूप में नामित किया गया था.