कीव: रूसी सेना (Russian Troops) का डटकर मुकाबला कर रहे यूक्रेन (Ukraine) ने अपने बंदरगाह शहर मारियुपोल (Mariupol) में हथियार डालने से साफ इनकार कर दिया है. रूस ने इस शहर में जबरदस्त तबाही मचाई है. आलम यह है कि शहर की 80 फीसदी रिहायशी इमारतें तबाह हो गई हैं. हर तरफ रूसी टैंक नजर आ रहे हैं. इसके बावजूद यूक्रेन झुकने को तैयार नहीं है. दरअसल, रूस ने यूक्रेन की सेना को मारियुपोल में हथियार डालने को कहा है, लेकिन यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री ने दो-टूक शब्दों में जवाब दिया है कि सरेंडर करने का कोई सवाल ही नहीं उठता.


खुफिया एजेंसी का कमांडर ढेर


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यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से कहा कि हम मारियुपोल में सरेंडर नहीं करेंगे. हमारी सेना आखिरी सांस तक हमले का जवाब देगी. इस बीच, यूक्रेनी सेना ने अलगाववादियों की खुफिया एजेंसी (DPR) के कमांडर सर्गेई माशकिन को मार गिराने का दावा किया है. वहीं, राजधानी कीव के एक शॉपिंग सेंटर में आग लग गई है. आग की लपटें दूर तक देखी जा सकती हैं. बता दें कि रूस ने मारियुपोल में सरेंडर के लिए एक डेडलाइन तय की है और कहा है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो बड़े पैमाने पर तबाही होगी.


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लगातार जारी हैं रूसी हमले


यूक्रेन के लिए रणनीतिक रूप से अहम मारियुपोल शहर पर पिछले तीन सप्ताह से लगातार रूसी बलों के हमले जारी हैं, जिसके चलते स्थानीय निवासियों को शहर छोड़कर जाने को मजबूर होना पड़ा है. स्थानीय प्रशासन का कहना है कि रूसी बलों से घिर चुके मारियुपोल में भोजन, पानी और बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो चुकी है और अब तक कम से कम 2,300 लोगों को जंग में अपनी जान गंवानी पड़ी है.


स्कूल पर भी गिराए थे बम


इससे पहले भी रूसी सेना ने मारियुपोल शहर पर हमला बोलते हुए एक स्कूल पर बम गिराए थे. इस स्कूल में हमलों से बचने के लिए 400 लोग छिपे हुए थे. हमले के बाद कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. मारियुपोल के एक थिएटर पर भी रूसी सेना ने बमबारी की थी. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस हमले को युद्ध अपराध करार दिया है. उन्होंने कहा कि एक शांतिपूर्ण शहर पर आक्रमण करने वालों ने जो किया, वह एक ऐसा आतंक है, जिसे आने वाली सदियों तक याद किया जाएगा.


हजारों को जबरन रूस भेजा


उधर, मारियुपोल नगर परिषद ने दावा किया कि रूसी सैनिकों ने शहर के कई हजार निवासियों को जबरन रूस भेज दिया है. जिसमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं. इन लोगों के दस्तावेज भी छीन लिए हैं. जबकि वैश्विक संस्था यूनिसेफ ने दावा किया है कि युद्ध के बीच 15 लाख यूक्रेनी बच्चों को बेचा जा सकता है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया कि यूक्रेन के 18 शहरों में रुक-रुककर लगातार बमबारी हो रही है.