Ukraine Military Shortage: यूक्रेन और रूस का युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. दोनों देशों में से कोई भी झुकने को तैयार नहीं है. रूस लगातार यूक्रेन को घुटनों पर लाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन यूक्रेन ने फिर से उठ खड़े होने की योजना बना ली है. लेकिन लगता है कि योजना देशवासियों को कुछ खास पसंद नहीं आई है.


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दरअसल सेना में नए रंगरूटों की अनिवार्य भर्ती के तौर-तरीकों को तय करने से जुड़े एक विवादास्पद कानून को यूक्रेन की संसद ने मंजूरी दे दी है. इसके शुरुआती मसौदे को कानून बनने में कई महीनों की देरी हुई और इसके प्रावधानों को नरम बनाने के लिए कई संशोधन सौंपे गए. सांसदों ने भी इस कानून को लेकर लंबे समय तक उदासीन रवैया अपनाया हुआ था क्योंकि इसके अप्रिय रहने का अनुमान था. 


5 लाख से ज्यादा सैनिकों की जरूरत


राष्ट्रपति वोलोदोमिर जेलेंस्की ने दिसंबर में कहा था कि यह कानून यूक्रेन की सेना की गुजारिश के कारण लाया गया है जो 5 लाख से ज्यादा सैनिकों को जुटाना चाहती है. इस कानून का अनुरोध पूर्व सेना कमांडर वालेरी जालुझनी के अनुरोध पर तैयार किया गया है, जिन्होंने कहा था कि सेना के विभिन्न रैंकों को मजबूत बनाने के लिए 5 लाख नई भर्तियों की जरूरत है. 


दरअसल, यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले के बाद देश में अग्रिम मोर्चे पर सैनिकों की कमी हो गई है. नए कानून के मसौदे पर यूक्रेन वासियों ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई. यह कानून ऐसे समय में पारित हुआ है जब यूक्रेन का एनर्जी स्ट्रक्चर हालिया हफ्ते में रूस के हमलों में तबाह हो चुका है. अधिकारियों ने कहा कि रात भर होने वाले रूस के मिसाइल और ड्रोन हमलों ने कई इलाकों में बुनियादी ढांचे और इलेक्ट्रिसिटी प्लांट्स को फिर से निशाना बनाया और कीव क्षेत्र में सबसे बड़े बिजली मैन्युफैक्चरिंग सेंटर ट्रिपिलस्का हीट एनर्जी सेंटर को पूरी तरह से तबाह कर दिया.


कानून में क्या है?


इस कानून के बाद यूक्रेन के प्राधिकारियों के अधिकारों में इजाफा होगा, जिससे मौजूदा सिस्टम में कई बदलाव होंगे. यह प्रावधान, युद्ध मोर्चे पर तैनाती के 36 महीने बाद सैनिकों को फिर सर्विल में भेजना सुनिश्चित करता था. इस प्रावधान को हटाए जाने से कई सांसदों को आश्चर्य हुआ क्योंकि यह यूक्रेनी नेतृत्व का वादा था. 


निवर्तमान सेना प्रमुख अलेक्ज़ेंडर सिरस्की और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने ऑडिट करने के बाद आंकड़ों की समीक्षा की और कहा कि जरूरी तादाद उतनी ज्यादा नहीं है क्योंकि सैनिकों की तर्कसंगत तरीके से व्यवस्था की जा सकती है.


जालुझनी हो गए थे पद से बर्खास्त 


कहा जाता है कि अनिवार्य सैन्य भर्ती के मुद्दे पर जालुझनी को पद से बर्खास्त किया गया था. कानून पर संसद में मतदान होने से पहले रक्षा मामलों की समिति ने मंगलवार को मसौदे से एक अहम प्रावधान को हटा दिया था. रात को हुए रूसी मिसाइलों और ड्रोन हमलों में यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में एनर्जी स्ट्रक्चर को गहरा नुकसान पहुंचा. 


रूस ने मचाया कहर


यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा ने कहा कि क्षेत्र के दो लाख से अधिक लोग बिना बिजली के हैं और रूस खारकीव के इन्फ्रास्ट्रक्चर को तबाह कर शहर को अंधेरे में डुबोने की कोशिश कर रहा है. ओडेसा के क्षेत्रीय गवर्नर ओलेह किपेर ने कहा कि बुधवार की शाम को हुए रूसी मिसाइल हमलों में चार लोग मारे गए और 14 घायल हो गए. जापोरिज्जिया और ल्वीव में भी इलेक्ट्रिसिटी प्लांट्स को गहरा नुकसान पहुंचा है. 


(इनपुट-एपी)