Iran Nuclear Weapon: ईरान की बढ़ती परमाणु गतिविधियों ने पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया है.अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, ईरान का  यूरेनियम भंडार अब हथियार-निर्माण स्तर के बेहद करीब है. यह विकास मध्य पूर्व और वैश्विक सुरक्षा पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकता है. खासकर इजरायल को काफी चिंता में डाल सकता है, जो बीते एक साल से ईरान समर्थित समूह हमास और हिज्जबुल्लाह के खिलाफ दोहरी जंग लड़ रहा है.


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एक रिपोर्ट ने मचाई खलबली
IAEA की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने 60 फीसदी तक की शुद्धता वाला 182.3 किलोग्राम यूरेनियम जमा कर लिया है, जो हथियार-निर्माण के लिए आवश्यक 90 फीसदी शुद्धता से कुछ ही कदम दूर है. अगस्त की रिपोर्ट के बाद इसमें 17.6 किलोग्राम की वृद्धि दर्ज की गई है.


इजरायल और अमेरिका का भी नहीं खौफ
ईरान के परमाणु इरादे कितने अधिक खतरनाक हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने अपना कदम हाल ही में तेहरान के परमाणु ठिकाने पर हुए इजरायली हमले के बाद भी नहीं बदला है. संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था ने जो रिपोर्ट दी है, उसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे. इस संस्था की एक गोपनीय रिपोर्ट के अनुसार ईरान ने अंतरराष्ट्रीय मांगों को नहीं मानते हुए संवर्धित यूरेनियम के अपने भंडार को और बढ़ा दिया है. यानि वह परमाणु हथियार बनाने के बिलकुल करीब पहुंच गया है. इस रिपोर्ट ने अमेरिका से लेकर इजरायल तक खलबली मचा दी है.


अब ईरान से मांगा जा रहा रिपोर्ट
उधर संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था के बोर्ड ने ईरान की निंदा की है. ‘इंटरनेशनल एटोमिक एनर्जी एजेंसी’ (आईएईए) ने तेहरान से दो स्थानों पर पाए गए यूरेनियम कणों की लंबे समय से जारी जांच के संबंध में भी जवाब देने को कहा है.  ईरान ने इन स्थानों को परमाणु स्थल घोषित नहीं किया है. इस मामले को लेकर एक प्रस्ताव लाया गया था. इसके लिए मतदान की बंद कमरे में हुई प्रक्रिया में शामिल राजनयिकों ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि आईएईए बोर्ड के 19 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया, जबकि रूस, चीन और बुर्किना फासो ने इसका विरोध किया और 12 देशों ने इसमें भाग नहीं लिया और एक ने मतदान नहीं किया.


फ्रांस-जर्मनी, ब्रिटेन और अमेरिका का खासा विरोध
यह प्रस्ताव फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन ने पेश किया और अमेरिका ने इसका समर्थन किया है. यह प्रस्ताव इस सप्ताह की शुरुआत में पेश की गई एक गोपनीय रिपोर्ट के बाद आया है. इस रिपोर्ट में आईएईए ने कहा था कि ईरान ने परमाणु गतिविधियों पर लगाम लगाने के अंतरराष्ट्रीय नियमों की अवहेलना की है और अपने यूरेनियम के भंडारण को लगभग हथियार-ग्रेड स्तर तक बढ़ा दिया है.