सुरक्षा परिषद ने श्रीलंका में आतंकवादी हमलों की निंदा की, कहा-आतंकवाद सबसे गंभीर खतरा
सुरक्षा परिषद ने पीड़ितों के परिवारों और श्रीलंका सरकार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए जोर दिया कि आतंकवाद अपने सभी रूपों में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है.
संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ईस्टर के दिन श्रीलंका में हुए ‘‘जघन्य और कायराना’’ आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की और इसके षड्यंत्रकारियों, वित्तपोषकों आदि को न्याय की जद में लाने की आवश्यकता को रेखांकित किया. परिषद के अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र में जर्मन राजदूत क्रिस्टोफर हेस्जेन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद श्रीलंका में हुए जघन्य और कायरतापूर्ण आतंकवादी हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करती है. सुरक्षा परिषद ने पीड़ितों के परिवारों और श्रीलंका सरकार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए जोर दिया कि आतंकवाद अपने सभी रूपों में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है.
बयान में कहा गया है कि सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने इन आतंकवादी हमलों के षड्यंत्रकारियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह बनाने तथा उन्हें न्याय की जद में लाए जाने पर बल दिया. इसमें सभी देशों से आग्रह किया गया है कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून और सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों के अनुसार अपने दायित्वों का निर्वाह करें और श्रीलंका सरकार तथा अन्य सभी संबंधित प्राधिकारों को सक्रिय रूप से सहयोग करें.
इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को कहा कि श्रीलंका में हुए आतंकवादी हमलों में कम से कम 45 बच्चों की मौत हो गयी. संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ के अनुसार इस संख्या में वृद्धि हो सकती है क्योंकि कई बच्चे गंभीर रूप से घायल हैं और अस्पतालों में जीवन-मृत्यु की जंग लड़ रहे हैं. इन 45 बच्चों में 40 बच्चे श्रीलंका के थे जबकि पांच बच्चे विदेशी थे.