Al Qaeda: टला नहीं है आतंक का खतरा, भारत समेत इन 3 दक्षिण एशियाई देशों में पांव पसारने की कोशिश कर रहा ये आतंकी संगठन
UN Security Council latest report: भारत में आतंक का खतरा अभी टला नहीं है. इस्लामिक आतंकी संगठन अलकायदा भारत समेत 3 दक्षिण एशियाई देशों में पैर पसारने की कोशिश कर रहा है.
Al Qaeda threats in South Asia: ओसामा बिन लादेन भले ही मर चुका हो लेकिन उसका आतंकी संगठन अलकायदा अब भी दुनिया की नाक में दम किए हुए है. आतंकवादी संगठन अलकायदा ने अपने आतंकी अभियान को अब जम्मू कश्मीर, बांग्लादेश और म्यामांर में फैलाने का प्लान बनाया है. इसके लिए वह भारतीय उपमहाद्वीप में अपने क्षेत्रीय सहयोगी ‘AQIS’ का विस्तार कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है.
भारतीय उपमहाद्वीप में आतंक फैलाने की तैयारी
इस सप्ताह जारी हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 32वीं रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘एक सदस्य देश ने आकलन किया कि अलकायदा (Al Qaeda) बांग्लादेश, जम्मू-कश्मीर और म्यांमार में अपना अभियान फैलाने के लिए ‘AQIS’ को आकार दे रहा है.’ रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सदस्य देश को यह भी पता चला है कि एक्यूआईएस के कुछ सीमित तत्व ISIL-K (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट-खोरासन) में शामिल होने या उसके साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं.’
अफगानिस्तान में सक्रिय है अलकायदा
रिपोर्ट (UNSC) के मुताबिक अफगानिस्तान में अलकायदा (Al Qaeda) को संचालित करने वाला कोर ग्रुप सक्रिय है. इस ग्रुप में 30 से 60 आतंकी हैं. जबकि पूरे देश में इसके लड़ाकों की संख्या 400 होने का अनुमान है. अनुमान के मुताबिक यह संख्या अब आतंकियों के परिवारों और समर्थकों को मिलाकर 2 हजार तक पहुंच गई है. भारतीय उपमहाद्वीप की बात करें तो यहां पर अलकायदा के करीब 200 आतंकी सक्रिय हैं, जिसका अमीर (प्रमुख) ओसामा महमूद है.
ISIL-K भी हाथ मिलाने को तैयार
रिपोर्ट (UNSC) में कहा गया कि परिषद के कुछ सदस्य देशों ने सैफ अल-अदल के अलकायदा (Al Qaeda) प्रमुख बनने की आशंका जताई है, जो आयमान अल-जवाहिरी का स्थान लेगा. वह फिलहाल कथित तौर पर ईरान में है. UNSC के सदस्य देश ने ISIL-K को अफगानिस्तान और आसपास के क्षेत्र में सबसे गंभीर आतंकवादी खतरे के रूप में चिह्नित किया है.
करीब 6 हजार आतंकी सक्रिय
अनुमान है कि ISIL-K में परिवार के सदस्यों समेत आतंकियों की संख्या 4 हजार से 6 हजार के बीच है. रिपोर्ट के अनुसार, सनाउल्लाह गफ़री को संगठन के सबसे महत्वाकांक्षी नेता के रूप में देखा जाता है. परिषद के एक सदस्य देश ने बताया कि इस साल जून में गफरी के अफगानिस्तान में मारे जाने की खबर आई थी, जिसकी अभी पुष्टि होनी बाकी है.
(एजेंसी इनपुट)