नई दिल्ली : मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा सरगना हाफिज सईद को अमेरिका ने बड़ा झटका दिया है. अमेरिका ने हाफिज सईद की राजनीतिक पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग (MLM) को आतंकी संगठन घोषित कर दिया है. यानि अब हाफिज सईद की राजनीतिक पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग अमेरिका की उन आतंकवादी संगठनों की लिस्ट में शामिल हो गई है, जिस पर वह कड़ी कार्रवाई कर सकता है. इसके साथ ही अमेरिका ने हाफिज की पार्टी के 7 नेताओं को भी आतंकवादी करार दिया है.


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अमेरिकी सरकार ने आंतकी संगठनों की सूची में पाकिस्तान स्थित ऐसे आंतकवादी संगठनों को चिन्हित किया है जो वैश्विक स्तर पर प्रतिबंधित हैं. 2 अप्रैल को अमेरिका ने पाकिस्तान स्थित आंतकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और तहरीक-ए-आज़ादी-ए कश्मीर (ताजक) को भी आतंकी संगठनों की सूची में शामिल करने के लिए संशोधन प्रस्ताव पेश किया. ट्रंप प्रशासन की ओर से कहा गया है कि यह सारी पार्टियां पाकिस्तान में आसानी से ना सिर्फ काम कर रही हैं बल्कि इन पर किसी तरह का बैन नहीं लगाया गया है. अमेरिका ने तहरीक- ए- आजादी- ए- कश्मीर( टीएजेके) को भी आतंकवादी समूहों की सूची में शामिल किया है. टीएजेके को लश्कर- ए- तैयबा का एक मोर्चा बताया जाता है, जो कि ट्रंप प्रशासन के अनुसार पाकिस्तान मेंबिना किसी रोक टोक के अपनी गतिविधियों का अंजाम दे रहा है.


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MLM को नहीं मिला राजनीतिक दल का दर्जा
बता दें कि हाफिज सईद पाकिस्तान की सक्रिय राजनीति में उतरने की कोशिश कर रहा है. MLM पाकिस्तान में चुनाव लड़ सके, इसलिए हाफिज ने चुनाव आयोग में पंजीकरण के लिए आवेदन दिया था, हालांकि यह आयोग ने यह आवेदन खारिज कर दिया था. इससे पहले 23 मार्च को MLM ने लाहौर में अपना घोषणापत्र भी जारी किया था. चुनाव आयोग ने बेशक से हाफिज की पार्टी का पंजीकरण करने से मना कर दिया था, लेकिन इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने हाफिज की राजनीति में आने के रास्ते साफ कर दिए हैं. 


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लोगों को आतंकी ट्रेनिंग दे रहा है हाफिज
अमेरिका का कहना है कि लश्कर-ए-तैयबा पाकिस्तान में स्वतंत्र रूप से काम कर रहा है. अमेरिका इस बात को स्वीकार करता आया है कि हाफिज पाकिस्तान में सार्वजनिक तौर पर रैलियां कर रहा है. इतना ही नहीं पाकिस्तान चाहे लाख दावे कर ले, लेकिन अमेरिका इस बात को मानता आया है कि हाफिज और उसकी पार्टी लोगों को आंतकवादी हमलों की ट्रेनिंग दे रही है.


लश्कर-ए-तैयबा चाहे कोई भी नाम बदल ले, वह हमेशा हिंसक आतंकवादी संगठन ही रहेगा
अमेरिकी विदेश मंत्रालय में आतंकवाद-निरोध समन्वयक नाथन ए. सेल्स ने कहा, 'एमएमएल और टीएजेके दोनों ही लश्कर-ए-तैयबा के मोर्चा हैं और इनका गठन संगठन पर लगे प्रतिबंधों से बचने के लिए किया गया है. संशोधनों का लक्ष्य प्रतिबंधों से बचने के लश्कर-ए-तैयबा के रास्तों को बंद करना और उसके झूठे चरित्र को लोगों के सामने लाना है.' सेल्स ने कहा, कृपया आप दिग्भ्रमित ना हों. लश्कर-ए-तैयबा चाहे कोई भी नाम बदल ले, वह हमेशा हिंसक आतंकवादी संगठन ही रहेगा. अमेरिका उन सभी कदमों का समर्थन करता है, जो यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हिंसा का रास्ता पूरी तरह छोड़ने तक लश्कर-ए-तैयबा को कोई राजनीतिक मंच/आवाज ना मिले.