वॉशिंगटन: अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अफगान सरकार और तालिबान के बीच शांति प्रक्रिया में मदद करने के अमेरिका के प्रयासों का नेतृत्व करने के वास्ते अफगानिस्तान सुलह के लिए विशेष प्रतिनिधि के तौर पर वरिष्ठ राजनयिक जलमय खलीलजाद को नियुक्त करने की घोषणा की. पोम्पिओ ने शुक्रवार को विदेश विभाग को दिए एक मेमो में कहा, ‘‘राजदूत खलीलजाद के मुकाबले कोई विशेषज्ञ राजनयिक इस जिम्मेदारी के लिए बेहतर नहीं है.  अफगानिस्तान में जन्मे और पले-बड़े खलीलजाद पहले भी अफगानिस्तान, इराक और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत रह चुके हैं. ’’


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जॉर्ज डब्ल्यू बुश सरकार में खलीलजाद ने अमेरिका की अफगान नीति को आकार देने में अहम भूमिका निभाई थी.  वह बुश प्रशासन में उच्च रैंक वाले मुस्लिम अमेरिकी थे. पोम्पिओ ने कहा कि वह आश्वस्त हैं कि खलीलजाद अपनी जिम्मेदारी को निभाने में सक्षम हैं.  



काबुल: विशेषज्ञों का दावा- अफगानिस्तान का संघर्ष सीरिया से भी हो सकता है खतरनाक
विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी हमले के 17 साल बाद देश में हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं और इस साल अफगानिस्तान का संघर्ष सीरिया से भी भयानक हो सकता है. यूनाइटेड स्टेट्स इन्स्टीट्यूट ऑफ पीस में अफगान विशेषज्ञ जॉनी वाल्श ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान में हताहतों की बढ़ती संख्या और सीरिया में जंग के खात्मे की बनती स्थिति से अफगानिस्तान जंग दुनिया में सबसे जानलेवा बन सकती है.’’


उन्होंने कहा कि साल दर साल संघर्ष की स्थिति और हिंसक रूप अख्तियार कर रही है. सीरियन ऑब्जरवेटरी फोर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, अफगानिस्तान के गृह युद्ध के एक दशक बाद शुरू हुए सीरिया के संघर्ष में इस साल अब तक 15,000 लोगों की मौतें हो चुकी है. इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रूप के कंसल्टेंट ग्रीम स्मिथ ने बताया कि कुछ रिपोर्टों से संकेत मिल रहा है कि 2018 में अफगानिस्तान की जंग में लोगों की मौत की संख्या 20,000 को पार कर सकती है.