वॉशिंगटन:  भारत का रूस (India-Russia) से रक्षा सौदों को आगे बढ़ाना अमेरिका (America) को पसंद नहीं आ रहा है. अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत द्वारा रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम (Air Defence System) खरीदने के चलते अमेरिका उस पर प्रतिबंध लगा सकता है. अमेरिकी कांग्रेस की स्वतंत्र शोध शाखा ‘कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस’ (CRS) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि भारत तकनीक क्षेत्र में साझेदारी और मिलकर उत्पादन करने वाली योजनाओं को लेकर उत्सुक है. जबकि अमेरिका भारत की रक्षा नीति में कुछ और सुधार की अपेक्षा रखता है. साथ ही वो चाहता है कि भारत अपने रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश को लेकर लचीला रवैया अपनाए.


आधिकारिक नहीं है CRS रिपोर्ट


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रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि S-400 सौदे के कारण अमेरिका (America) ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवरसरीज थ्रू सैंक्संस एक्ट' यानी पाबंदियों के द्वारा मुकाबला करने संबंधित कानून के तहत भारत पर प्रतिबंध लगा सकता है.  वैसे सीआरएस रिपोर्ट अमेरिकी कांग्रेस की आधिकारिक रिपोर्ट नहीं होती. ये स्वतंत्र विशेषज्ञों द्वारा सांसदों के लिए तैयार की जाती है, ताकि वे सबकुछ समझने के बाद सोच-समझकर निर्णय लें. फिर भी रिपोर्ट में भारत-रूस (India-Russia) डील को लेकर दी गई चेतावनी चिंता का विषय जरूर है.


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2018 में हुई थी Deal


भारत (India) और रूस (Russia) रणनीतिक साझेदार भी हैं और नई दिल्ली अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए मॉस्को से डील करता आया है. अक्टूबर, 2018 में भारत ने ट्रंप प्रशासन की चेतावनी को नजरंदाज करते हुए चार S-400 डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए रूस के साथ पांच अरब डॉलर का सौदा किया था. इसकी पहली किश्त के रूप में भारत ने 2019 में रूस को 80 करोड़ डॉलर का भुगतान भी किया था.


Turkey पर लगाया है Ban


अमेरिका की चेतावनी भारत के लिए इसलिए भी चिंता का विषय है, क्योंकि कुछ समय पहले ही अमेरिका ने S-400 सिस्टम खरीदने वाले तुर्की पर प्रतिबंध लगाए हैं. हालांकि, भारत के साथ उसके रिश्ते तुर्की के मुकाबले बेहतर हैं, लेकिन जो बाइडेन का रुख नई दिल्ली के प्रति क्या रहता है, इसका पता बाद में ही चल सकेगा. वैसे, रूस ने स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिकी धमकियों का इस डील पर कोई असर नहीं पड़ेगा. पिछले महीने रूस ने कहा था कि अमेरिकी पाबंदियों की धमकी के बावजूद S-400 मिसाइल प्रणाली की पहले खेप की आपूर्ति समय पर होगी. बता दें कि S-400 रूस की सबसे उन्नत लंबी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल के रूप में जानी जाती है